लंगुराही पचरुखिया जंगल नक्सलमुक्त, सीआरपीएफ ने फहराया तिरंगा
भाकपा माओवादी नक्सलियों का टाइगर हिल माने जाने वाला मदनपुर थाना क्षेत्र के लंगु
लंगुराही पचरुखिया जंगल नक्सलमुक्त, सीआरपीएफ ने फहराया तिरंगा
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : भाकपा माओवादी नक्सलियों का टाइगर हिल माना जाने वाला मदनपुर थाना क्षेत्र के लंगुराही पचरुखिया जंगल को जिला पुलिस और सीआरपीएफ के सुरक्षाबलों ने पूरी तरह से अपने कब्जे में कर लिया है। जंगल को नक्सलमुक्त कर दिया है। जंगल में पहाड़ की ऊंची चोटी पर आजादी के बाद पहली बार यहां शनिवार को तिरंगा फहराया गया। एसपी कांतेश कुमार मिश्र, सीआरपीएफ उपकमांडेंट पीर मोहम्मद, सहायक कमांडेंट महेश कुमार मीणा एवं आयुष कुमार ने जिला पुलिस और सीआरपीएफ सुरक्षाबलों की मौजूदगी में तिरंगा फहराकर जंगल को नक्सलियों के कब्जे से मुक्त करने की बात कही। तिरंगा फहराए जाने के दौरान मौजूद कुछ ग्रामीणों एवं सुरक्षाबलों ने राष्ट्रगान गाया।
एसपी ने बताया कि यहां कभी नक्सलियों का जमावड़ा लगा रहता था। नक्सलियों के लिए जंगल सुरक्षित ठिकाना था। कई बंकर बना रखे थे। जंगल के कई जगहों पर आइईडी लगा रखे थे। आइईडी को बरामद कर जंगल में ही निष्क्रिय किया गया। बंकरों को ध्वस्त कर नक्सलियों के हथियार, कारतूस समेत अन्य विस्फोटक सामग्री, दैनिक उपयोग के सामान को बरामद किया गया। आज यहां सीआरपीएफ के जवान रह रहे हैं। यहां तिरंगा फहराना तब संभव हुआ जब जिला पुलिस, एसटीएफ और सीआरपीएफ संयुक्त रूप से जंगल में नक्सल अभियान चलाए। तरी और लंगुराही में सीआरपीफ का कैंप स्थापित किया गया। ग्रामीणों में सुरक्षा का भावना पैदा किया गया। तरी से लंगुराही और पचरुखिया तक सड़क का निर्माण किया गया। बिजली पहुंचाई गई। एसपी ने बताया कि अब यहां ओपेन लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी और जंगल तटीय इलाके के रहने वाले बच्चों को इसका लाभ पहुंचाएंगे। बताया कि छह माह में इस जंगल से नक्सलियों को भगाने का सफल आपरेशन चलाया गया। बताया कि पूर्व में स्थिति यह थी कि ग्रामीण नक्सलियों के भय से कुछ बोलते नहीं थे। पुलिस के पास आते नहीं थे। आज हमारे अभियान में शामिल हो रहे हैं। पूरे इलाके में सुरक्षा और स्वतंत्रता का माहौल है। हर घरों में एक नहीं कई तिरंगा लगाया गया है।