चारागाह होंगे अतिक्रमण मुक्त, गोवंशी के लिए उगाया जाएगा चारा
क्कड्डह्यह्लह्वह्मद्गह्य ख्द्बद्यद्य ढ्डद्ग द्गठ्ठष्ह्मश्रड्डष्द्धद्वद्गठ्ठह्ल द्घह्मद्गद्ग द्घश्रस्त्रस्त्रद्गह्म ख्द्बद्यद्य ढ्डद्ग द्दह्मश्रख्ठ्ठ द्घश्रह्म ष्श्रख्ह्य
चारागाह होंगे अतिक्रमण मुक्त, गोवंशी के लिए उगाया जाएगा चारा
संवाद सहयोगी, कोंच: बेसहारा गोवंशी के लिए चारे की कमी को देखते हुए प्रशासन को अब चारागाहों की याद आने लगी है। इन चारागाहों की भूमि में चारे का उत्पादन करके भूखे गोवंशी का पेट भरा जा सकता है। अधिकतर चारागाहों पर दबंगों का कब्जा है वह वर्षों से उस पर खेती करते आ रहे हैं। इन कब्जों को हटवाने के निर्देश उच्च अधिकारियों द्वारा अधीनस्थों को दे दिए गए हैं।
गांवों में पल रहे जानवर पेट भर सकें इसके लिए शासन ने अधिकतर गांवों में चकबंदी के दौरान ही चारागाहों के लिए भूमि सुरक्षित कर दी थी। जिसका गाटा संख्या और रकबा तहसील के राजस्व अभिलेखों में सुरक्षित है। जानवरों का पेट भरने के लिए सुरक्षित की गई चारागाहों की भूमि पर दबंगों की नजर पड़ गई और उन्होंने इस भूमि को अपना समझकर खेती करना शुरू कर दिया। वर्षों से अतिक्रमण कर चारागाह की भूमि पर होती जा रही खेती को मुक्त कराने के लिए प्रशासन द्वारा कभी भी कोई ठोस कार्रवाई नही हुई। यही कारण है कि वर्षों से चारागाह मुक्त नहीं हो सके। अब जब गांवों में गोवंशी की समस्या बढ़ी है तो सरकार ने इन जानवरों के भरण पोषण के लिए गोशालाएं बनवाईं और खाने के लिए 30 रुपये प्रति जानवर प्रतिदिन तय किए। इतनी कम राशि में जानवरों का पेट नहीं भर पा रहा है। ऊपर से भूसे और चारे की आसमान छूती कीमतों ने गोवंशी के सामने पेट भरने का संकट खड़ा कर दिया है। ऐसे में अब प्रशासन को चारागाहों कि याद आई है। चारागाहों को मुक्त कराकर अब उसमें नेपियर घास, बरसीन उगाने की योजना भी प्रशासन द्वारा बनाई गई है। यदि ऐसा होता है तो जानवरों को हरा और साफ सुथरा चारा मिलने लगेगा जिससे वह अपना पेट भर सकेंगे। विकास खंड कोंच और नदीगांव के ग्राम चंदुर्रा, चमारी, गुरावती, सिकरी बूजुर्ग, भेंपता, सींगपुरा, पजौनिया सहित कुल मिलाकर 30 से 35 जगहों पर चारागाहों की भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। किसी भी चारागाह में अभी तक ग्राम पंचायत य अन्य विभाग के द्वारा चारे का उत्पादन नहीं किया गया क्योंकि चारागाहों पर कब्जा है जो अभी हटा नहीं है। तहसीलदार प्रेमनारायण प्रजापति ने बताया कि चारागाहों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के निर्देश दिए गए हैं। कई चारागाहों को अतिक्रमण मुक्त भी कराया गया है। अतिक्रमण की यदि शिकायत मिलती है तो अतिक्रमण मुक्त कराने के साथ साथ अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।