वैन खंती में पलटने से एक युवक की मौत, सात घायल
वैन खंती में पलटने से एक युवक की मौत तीन घायल
वैन खंती में पलटने से एक युवक की मौत, सात घायल
संवाद सूत्र खप्टिहाकला,चिल्ला : हीरा घिसाई प्लांट में काम करने जा रहे मजदूरों की वैन टायर फटने में पेड़ से टकराकर खंती में पलट गई। हादसे में ग्राम प्रधान के भतीजे ने दम तोड़ दिया। जबकि चालक समेत सात मजदूर घायल हो गए। शिक्षकों ने घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>ग्राम पिपरहरी से गुरुवार सुबह एक वैन हीरा घिसाई प्लांट में काम करने वाले मजदूरों को लेकर शहर आ रही थी। वाहन में चालक समेत करीब नौ लोग सवार थे। वैन जैसे ही चिल्ला थाना क्षेत्र के ग्राम पपरेंदा पेट्रोल पंप के पास बांदा-कानपुर मुख्य मार्ग पर पहुंची। तेज गति में उसका अगला टायर फट गया। इससे वैन अनियंत्रित होकर रोड किनारे लगे पेड़ से टकराकर खंती में पलट गई। हादसे के बाद मची चीख पुकार सुनकर स्कूल के शिक्षक व राहगीर घायलों की मदद के लिए पहुंचे। रणछोड़दास इंटर कालेज के प्रधानाचार्य महेंद्र कुमार एवं अन्य शिक्षकों ने अपनी कार व एंबुलेंस से पिपरहरी गांव निवासी घायल वैन चालक 25 वर्षीय बुद्ध विलास, रामचंद्र सिंह के 28 वर्षीय पुत्र संजय सिंह, रामकरन सिंह का 40 पुत्र भानु सिंह,41 वर्षीय बछराज ,श्रीकेशन का 35 वर्षीय पुत्र बाबू व अतरहट गांव निवासी शिवगोपाल के 23 वर्षीय पुत्र चुन्नू, रामकरन सिंह के 23 वर्षीय पुत्र वीर बहादुर ,रामकरन सिंह के 22 वर्षीय पुत्र जय बहादुर व रामबहादुर का 25 वर्षीय पुत्र शिवम को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां से घायल संजय को चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद कानपुर रेफर कर दिया। स्वजन उसे कानपुर ले जा रहे थे। रास्ते में उसकी मौत हो गई। ग्राम प्रधान पिपरहरी सुरेंद सिंह ने बताया कि उनका भतीजा संजय तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। एसडीएम लाल सिंह ने बताया कि लेखपाल संध्या सिंह व पुलिस को भेजकर मामले की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिसके आधार पर नियमानुसार आर्थिक मदद की जाएगी। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>--------------------------------<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>पिता के साथ कृषि में बंटाता था हाथ :<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>स्वजन ने बताया कि संजय की शादी डेढ़ वर्ष पहले कर्वी जिले के एचवारा गांव में हुई थी। उसके डेढ़ माह का पुत्र प्रताप सिंह है। पत्नी आस्था पति की मौत की खबर सुनकर बेहोश होकर गिर गई। हादसे से अन्य स्वजन का भी रो-रोकर बुराहाल है। दिवंगत मजदूरी करने के साथ पिता के साथ कृषि कार्य में हाथ बंटाकर परिवार का भरण-पोषण करता था।