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अनोखा विरोध, जब ट्रंप की नीतियों से खफा महिला चढ़ गई स्‍टैच्‍यु ऑफ लिबर्टी पर

अमेरिका में राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की इमिग्रेशन नीति के विरोध में काफी प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे ही मामले में एक महिला ने अनोखा कदम उठाया और वो स्‍टैच्‍यु ऑफ लिबर्टी पर जा चढ़ी।

By Molly SethEdited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 01:44 PM (IST)Updated: Sat, 07 Jul 2018 09:59 AM (IST)
अनोखा विरोध, जब ट्रंप की नीतियों से खफा महिला चढ़ गई स्‍टैच्‍यु ऑफ लिबर्टी पर
अनोखा विरोध, जब ट्रंप की नीतियों से खफा महिला चढ़ गई स्‍टैच्‍यु ऑफ लिबर्टी पर

राष्‍ट्रपति का अनोखा विरोध

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में 'जीरो टॉलरेंस' नीति की घोषणा की थी। जिसके विरोध में अमेरिका में कई जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे ही एक प्रदर्शन के दौरान थेरेसा ओकोउमू नाम की महिला ने अनोखा रास्‍ता अख्‍तियार किया। ये महिला राइज एंड रेजिस्ट नाम के एक संगठन से संबंधित है और उनके साथ एक प्रदर्शन के लिए स्‍टैच्‍यु ऑफ लिबर्टी के नीचे पहुंची थी। वहां पहुंच कर उसने अचानक अपना इरादा बदल लिया और मूर्ति के आधार के लिए बने चबूतरे पर चढ़ कर उसके पैरों के पास पहुंच गई। वहां पहुंच कर इस महिला ने एलान किया जब तक ये नीति बदली नहीं जायेगी वो नीचे नहीं आयेगी। इस घटना का वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है।

जीरो टॉलरेंस इमिग्रेशन नीति

ट्रंप की इस नीति के तहत अप्रवासी लोगों को अपने बच्‍चों से अलग कर दिया गया है और हजारों मासूम अपने माता पिता से बिछड़ गए हैं। थेरेसा इसी नीति का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के समूह का हिस्सा थी और उसने कहा था कि वह जब तक नीचे नहीं आएगी जब तक सभी बच्चों को डिटेंशन सेंटर से रिहा नहीं किया जाता। उसे वहां से उतारने पहुंचे सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि वो लगातार बहस करती रही और वहां से हटने को तैयार नहीं हुई। ओकोउमू लगभग तीन घंटे तक स्‍टैच्‍यू ऑफ ल‍िबर्टी पर बैठी रहीं। उसे बचाने पहुंचे न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के अधिकारियों को उसने धमकी भी दी कि वे उन रस्‍सियों और सीड़ी को गिरा देंगी जिसकी मदद से वे ऊपर आये हैं।   

खतरनाक स्‍टंट बताया गया

बाद में थेरेसा को पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया और वहां से उतार कर अदालत में पेश किया। पुलिस ने उस पर ट्रेसपासिंग, पुलिस कार्यवाही में बाधा पहुंचाने और गैरकानूनी व्‍यवहार के आरोप लगाये हैं। सीएनएन की रिर्पोट में बताया गया है कि पुलिस अधिकारियों ने प्रेस वार्ता में कहा कि हर किसी को अपनी बात रखने और नापसंद नीतियों का विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इसके लिए नियम कानून के साथ खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जा सकती। संघीय अधिवक्‍ताओं के अनुसार ये एक खतरनाक स्‍टंट की श्रेणी में आता है और इस अपराध में थेरेसा को 18 महीने की सजा हो सकती है। इस बीच थेरेसा ने खुद ही अपनी पहचान उजागर करते हुए सभी आरोपों से इंकार किया है। वहीं राइज एंड रेजिस्ट ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि थेरेसा का कारनामा प्रदर्शन का हिस्‍सा नहीं था और ये संगठन की जानकारी में नहीं था। 


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