एक नर्स जिसने अपने 20 मरीजों को जहर देकर मार डाला
अपनी सेवा के चलते पूरी दुनिया में नर्सों को सम्मान की नजर से देखा जाता है, पर जापान की इस नर्स के क्रूर कारनामे के बाद एेसा करना जरा मुश्किल होगा। आखिर क्यों इसने अपने 20 मरीजों की हत्या की।
हत्या के आरोप में नर्स हुर्इ गिरफ्तार
जापान में एक नर्स जिसका नाम अयुमो कोबुकी बताया गया, ने अजीब कांड कर डाला। इस नर्स को अपनी शिफ्ट के दौरान 20 मरीजों की जहर देकर हत्या करने के शक में गिरफ्तार किया गया। डेलीमेल में आर्इ खबर की मानें तो 31 साल की इस नर्स पर आरोप है कि 2016 में जब वो टोक्यो से 32 किमी दूर ओगुची अस्पताल में काम करती थी उसने बुजुर्ग मरीजों की ड्रिप में एंटीसेप्टिक सल्यूशन का इंजेक्शन लगा कर उन्हें जहर मौत की नींद सुला दिया। जापान पुलिस का दावा है कि आयुमी ने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है। हांलाकि उसने इसकी कोर्इ संतोष जनक वजह नहीं बतार्इ है।
नहीं पसंद था परिजनों को मौत की सूचना देना
कोबुकी ने पुलिस को बताया कि वो इस तरीके से सिर्फ अपने बुजुर्ग और काफी बीमार मरीजों को ही मारती थी एेसा करने के पीछे उसका तर्क था कि वो उन्हें इसलिए एेसे जहर दे रही थी ताकि उनकी मौत उसकी बजाय दूसरी नर्सों की शिफ्ट में हो। अयुमो ऐसा इसलिए कर रही थी क्योंकि उसे मरीजों के परिजनों को उनकी मौत की सूचना देने में झिझक होती थी। दरसल ओगुची अस्पताल के नियमों के अनुसार किसी मरीज की मृत्यु होने पर उन नर्सों को ही परिवारवालों से बात करनी होती थी जो मरीज की मौत के समय ड्यूटी पर होती थीं। ये अपने आप में बेहद अजीब वजह समझी जा रही है किसी की जान लेने के लिए।
दूसरी नर्स ने खोला राज
कोबुकी के कारनामे का भेद तब सामने आया जब, अस्पताल की एक अन्य नर्स को, सितंबर 2016 में 88 साल के एक मरीज की मौत होने के बाद उनकी ड्रिप में बबल दिखार्इ दिए। बबल मौजूद होने का मतलब होता है कि ड्रिप बैग से छेड़छाड़ की गई है। जिसके बाद में डॉक्टरों ने यामाकी नाम के इस मरीज के खून में काफी मात्रा में एंटीसेप्टिक सल्यूशन पाया और उन्हें समझ आया कि मरीज को जहर दिया गया है। ये जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। तब कहीं जाकर राज खुला कि मरीजों को जहर दिया जा रहा है।
परत दर परत सामने आया मामला
जिसके बाद 88 साल के ही एक दूसरे मरीज की भी ऑटोप्सी की गई, आैर पता चला कि उसके खून में भी वही एंटीसेप्टिक सल्यूशन मौजूद है। आगे जांच करने पर पुलिस को 2 और मरीजों के शरीर में इसी एंटीसेप्टिक सल्यूशन के अंश मिले। तब पुलिस ने नर्सों के कॉमन रूम में पड़ताल की आैर वहां से उन्हें 10 बिना इस्तेमाल किए गए ड्रिप बैग मिले, जिसमें ये सल्यूशन डाला गया था। जांच में देखा गया कि इन ड्रिप बैग में छोटे छोटे छेद मौजूद थे जिससे स्पष्ट होता था कि साल्यूशन इजेक्शन के जरिए डाला गया है। इसके बाद पुलिस ने सभी नर्सों की यूनिफॉर्म की जांच की तो सिर्फ कोबुकी के कपड़ों में इस सल्यूशन के अंश प्राप्त हुए।
पुलिस नहीं है जवाब से संतुष्ट
हांलाकि गिरफ्तार होने के बाद कोबुकी ने अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा था कि उसने सिर्फ बुजुर्ग और काफी बीमार मरीजों को ही मारा पर पुलिस को उसके कबूलनामे पर संदेह है। उनके अनुसार कर्इ मरीज गंभीर रूप से बीमार नहीं थे फिर भी उनकी हत्या हुर्इ। इस शक का सबसे बड़ा कारण ये है कि हत्याआें का सिलसिला शुरू होने से पहले कुछ अजीबोगरीब घटनाएं हुई थीं, जैसे कभी नर्सों के कपड़े फटे मिले तो कभी ड्रिंक में कुछ मिला हुआ था। यही वजह है कि पुलिस को आशंका है कि अयूमो के साथ मानसिक रूप से गड़बड़ भी हो सकती है।
नर्स के रूप में लोग उसे अच्छा मानते थे
खास बात तो ये है कि 2008 में नर्स की डिग्री लेने के बाद कोबुकी ने कई अस्पतालों में काम किया आैर मई 2015 में उसने ओगुची अस्पताल को ज्वाइन किया। यहां उसके साथियों आैर अधिकारियों की राय में वे अच्छी आैर शांत कर्मचारी थीं, साथ भी उसके मरीज भी उसे अच्छी नर्स ही समझते रहे थे। इसी साल जून में कोबुकी ने ये अस्पताल छोड़ दिया था आैर जुलार्इ में उनकी गिरफ्तारी हुर्इ।