चेहरा देखकर डॉगी भांप लेते हैं इंसानी फितरत
ये कोर्इ कपोल कल्पना नहीं है बल्कि एक नवीनतम शोध का दावा है कि कुत्तों में अपने मालिकों का चेहरा पढ़ने की क्षमता होती है आैर वे उसकी भावनाआें के अनुसार आचरण करते हैं।
वीडियो में छुपी है कहानी
डॉगी इंसानों के लिए वफादार क्यों होते हैं, इस बात का पता आज आपको इस वीडियो को देखकर लग सकता है। मालिक के हाव—भाव को देखकर वे उसके मूड को समझ लेते हैं, वैसे ही खतरे को भी भांप लेने की क्षमता होती है। एक शोध में पता चला है कि इंसान जो भी हाव-भाव बनाता है उसके पीछे की भावनाओं को समझने की काबिलियत एक डॉगी में होती है। शोध में इस बात का भी प्रमाण दिया गया है कि मानवीय भावों को जानने के लिए डॉगी अपने दिमाग के अलग-अलग हिस्सों का इस्तेमाल करते हैं।
रिसर्च में किया दावा
इटली के यूनिवर्सिटी आॅफ बैरी आॅल्दो मोरो के मार्सेलो सिनास्की, सेरेनेला डी इंजियो और एंजेलो क्वारंटा ने अपने रिसर्च में बताया है कि अगर कोई डॉगी अपना सिर बाईं ओर मोड़ता है तो इसका मतलब है कि सामने वाला व्यक्ति डरा हुआ है, नाराज है या फिर खुश है। अगर किसी के चेहरे पर आश्चर्य या सरप्राइज होने का भाव होता है तो डॉगी अपना सिर दाईं ओर घुमा लेता है। अगर किसी का दिन बुरा होता है या उसके साथ अच्छा नहीं हुआ होता है तो उस समय डॉगी के दिल की धड़कनें तेज होती हैं। स्प्रिंगर्स जनरल लर्निंग एंड बिहेवियर में छपे इस रिसर्च में बताया गया है कि डॉगी इंसानों के साथ कैसे जुड़े रहते हैं। हालिया शोध में बताया गया है कि डॉगी के ब्रेन का कैनाइन वाला हिस्सा किसी भी शख्स के आवाज, शरीर के गंध और हाव-भाव के पीछे के भावनात्मक संकेतों को पकड़ सकता है और उनके चेहरे को पढ़ सकता है।
26 तस्वीरों से खुला रहस्य
शोधकत्ताओं ने अपने रिसर्च के दौरान एक पुरुष और एक महिला की अलग-अलग इमोशंस वाली तस्वीरों को अलग-अलग एंगल से 26 डॉगी के सामने रखा। उन तस्वीरों में गुस्सा, डर, खुशी, दुख, आश्चर्य और सामान्य अवस्था वाले इमोशंस को दर्शाया गया था। इस दौरान देखा गया कि जब गुस्सा, डर और खुशी जैसे इमोशंस वाली तस्वीरें सामने रखी गईं तो उन डॉगी ने अत्यधिक प्रतिक्रिया दी, उनकी धड़कने बढ़ी हुई थीं। तस्वीरों को देखने के काफी देर बाद उन सबने खाना खाया। डॉगी के दिल की बढ़ी हुई धड़कनों का मतलब है कि ऐसी तस्वीरें देखने के समय वे तनाव महसूस कर रहे थे। जब डॉगी को गुस्सा, खुशी या डर वाली तस्वीरें दिखाई गई, तो उन्होंने अपने सिर बाईं ओर घुमा लिये। जब आश्चर्य से भरे चेहरे वाली तस्वीरें दिखाई गईं तो पहले से उलट प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। वे शांत थे संभवत: इसलिए क्योंकि वे उन्हें अपने लिए खतरा नहीं मान रहे थे। सिनास्की का कहना है कि एक डॉगी के दिमाग के दाएं हेमिस्फियर से निगेटिव इमोशंस को जज किया जाता है और दिमाग के बाएं हिस्से से पॉजिटिव इमोशंस को। यह रिसर्च भी डॉगी और अन्य स्तनधारी जीवों पर किए गए पहले के शोधों का समर्थन करता है।