कीमत नहीं सेहत है रिश्ता फलों पर लगे स्टीकर्स का
बाजार में फलों पर लगे स्टीकर लोग उन्हें कीमती समझ लेते हैं पर क्या वास्तव में वे दाम का प्रतीक होते हैं आइये जानें।
By Molly SethEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 03:31 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 03:31 PM (IST)
फलों पर लगा पीएलयू कोड
फलों में चिपके कई स्टीकर में उनके दाम, एक्सपायरी डेट दर्ज होती है। इसके अलावा इसमें एक पीएलयू यानी कि प्राइस लुक अप कोड होता है। यह कोड फलों की गुणवत्ता को दर्शाता है। पीएलयू कोड की शुरूआत किसी विशेष अंक से होती है, जिसका रिश्ता फल की किसी विशेषता से होता है। आगे जानें क्या है ये कनेक्शन।
जैविक फल
कुछ फलों में पांच अंकों की संख्या वाले स्टीकर लगे होते हैं और उनका कोड 9 अंक से शुरू होता है। जैसे किसी पर 93435 लिखा हो तो इसका अर्थ है कि ये फल जैविक रूप से उगाए गए हैं। इसलिए ये फल भले ही थोड़े कीमती हों लेकिन सेहत के लिए अच्छे होते हैं।
गैर-ऑर्गेनिक फल
इसी तरह कुछ फलों में पांच अंकों की संख्या वाले स्टीकर पर कोड 8 के अंक से शुरू होता है। जैसे 84131 लिखा स्टिकर चिपका हो। इसका मतलब है कि इन फलों में अनुवांशिक संशोधन किया गया है। इस तरह के फल गैर-ऑर्गेनिक फल की श्रेणी में शामिल होते हैं।
कीटनाशक और रसायनों से तैयार फल
कुछ फलों में चार अंको की संख्या वाले स्टीकर लगे होते हैं। जिन पर 4026 तरह के स्टिकर होता है। इसका मतलब साफ है कि इस तरह के फल कीटनाशक और रसायनों द्वारा उगाए गए हैं। इस स्टीकर वाले फल ऑर्गेनिक फलों की तुलना में काफी सस्ते होते हैं।
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