डर जायेंगे जब देखेंगे चीन की इस बच्ची की तस्वीर जो गिर गर्इ विशाल पांडा के बाड़े में
बीते शनिवार को चीन की एक 8 साल की बच्ची के साथ हुए हादसे के बारे में जान कर आप डर जायेंगे। ये बच्ची विशालकाय पांडा के बाड़े में जा गिरी थी।
डरावना हादसा
चीन में एक 8 साल की बच्ची को शनिवार को उस समय भयानक मुश्किल में आ गर्इ, जब वह एक ब्रीडिंग सेंटर में तीन विशाल पांडा के लिए बने एक बाड़े में गिर गई। अच्छी बात ये थी कि बच्ची जिसकी पहचान जारी नहीं की गई थी, को गिरने के बाद सुरक्षित बाड़े से बाहर निकाल लिया गया आैर स्थानीय अस्पताल में जांच के लिए भेजा गया, जहां जांच के बाद स्पष्ट हुआ कि वह गंभीर रूप से आहत नहीं हुई है। पता चला है ये हादसा चीन के चेंग्दु रिसर्च बेस में हुआ था।
संतुलन बिगड़ा
हांलाकि जब बच्ची जब बाड़े में गिरी तो उसमें मौजूद तीनो पांडा अपने घर में अचानक आये इस नए मेहमान को देख कर चौंक गए, पर उन्होंने उसे कोर्इ नुकसान नहीं पहुंचाया। इससे पहले कि वे बच्ची तक पहुंचते उसे बाहर निकाल लिया गया। घटना का वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। हफि्ंगटन पोस्ट आैर इंडिपेंडेंट की खबरों के अनुसार हादसा होने की वजह बच्ची की पांडा को आैर करीब से देखने की उत्सुकता हो सकती है। इसी के चलते वो पांडा के बाड़े के चारों आेर लगी फेंस के ऊपर चढ़ गर्इ आैर संतुलन ना बना पाने के कारण बाड़े में जा गिरी।
गार्ड की चतुरार्इ से बची जान
खास बात ये है कि इस पूरे घटनाक्रम में बच्ची की जान बचाने में रिसर्च सेंटर के गार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वायरल हो रहे वीडियो से पता चल रहा है कि जब बच्ची बाड़े में गिरी आैर दो पांडा उसकी ओर बढ़ने लगे तब वहां मौजूद एक गार्ड उसे बचाने में पूरा जोर लगा दिया। इस गार्ड ने पहले एक स्टिक की मदद से बच्ची को बाहर निकालने का प्रयास किया, पर जब वो इसमें असफल रहा। तभी तीसरा पांडा भी आगे आने लगा तो गार्ड ने स्टिक फेंक कर आगे झुकते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाया आैर और डरी हुर्इ रोती बच्ची को बाहर खींच लिया।
मासूम नहीं होते पांडा
हममें से ज्यादातर लोगों का मानना है कि पांडा बेहद मासूम आैर हानिरहित जानवर होते हैं, लेकिन एेसा नहीं हैं। इस घटना के बाद संबंधित रिसर्च सेंटर ने एक चेतावनी जारी की है, इसमें बताया गया है कि पांडा उतने कमज़ोर या अच्छे नहीं होते जितना उन्हें समझा जाता है। उन्होंने बताया कि यही वजह है कि उनके दो साल के हो जाने के बाद रिसर्च सेटर आैर चिड़ियाघरों के रखवाले आैर देख रेख करने वाले भी उनसे निश्चित दूरी बनाकर रखते हैं।
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