बढ़ते प्रदूषण को काबू करने के लिए मुफ्त पब्लिक ट्रांसर्पोट
प्रदूषण की समस्या से केवल भारत ही नहीं दूसरे देश भी परेशान हैं ऐसे में जर्मनी ने इससे निपटने का अनोखा तरीका निकाला है।
By Molly SethEdited By: Published: Thu, 15 Feb 2018 11:19 AM (IST)Updated: Thu, 15 Feb 2018 11:20 AM (IST)
सार्वजनिक परिवहन मुफ्त
भारत के दिल्ली में यदि ऑड ईवन प्रणाली से शहर को प्रदूषण मुक्त करने की बात हुई तो यूरोपीय देश जर्मनी की सरकार ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए अनोखे उपायों की घोषणा की है। इसके तहत सार्वजनिक परिवहन को मुफ्त करने का प्रस्ताव भी पेश किया गया है। जर्मनी की सरकार का मानना है कि इससे शहरों में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके नाइट्रोजन ऑक्साइड के स्तर में कमी लाने में मदद मिलेगी। जर्मनी के 20 बड़े शहरों में नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर यूरोपीय यूनियन (ईयू) द्वारा तय की गई सीमा को पार कर रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। ऐसी स्थिति में किसी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए मंगलवार को सरकार ने नए उपायों की घोषणा की। जर्मनी की कई अदालतों में प्रभावित शहरों में डीजल वाहनों पर रोक लगाने संबंधी मुकदमे चल रहे हैं। इसी तरह के एक मामले में लिपजिंग शहर की संघीय अदालत 22 फरवरी को फैसला सुना सकती है।
यूरोपीय यूनियन की ओर से कार्रवाई का डर
हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होने को लेकर जर्मनी को यूरोपीय यूनियन की कार्रवाई का भी डर सता रहा है। वायु गुणवत्ता को लेकर ईयू द्वारा तय किए गए मानकों के पालन में जर्मनी अभी तक खरा नहीं उतर पाया है। समाचार पत्रिका 'पॉलिटिको' ने पर्यावरण मामलों की कार्यकारी मंत्री बारबरा हेंड्रिक्स के हवाले से कहा, 'जरूरत पडऩे पर नगर पालिकाओं और प्रांतीय सरकारों को निजी वाहनों की संख्या में कमी लाने के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी।'
फेफड़े संबंधी रोग का खतरा
नाइट्रोजन ऑक्साइड मानव स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक माना जाता है। इससे फेफड़ों से संबंधित रोग हो सकता है। इसके उत्सर्जन का सबसे प्रमुख कारण पुरानी डीजल गाडिय़ां बताई जाती हैं।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें