ना भीग सकती है ना रो सकती है क्योंकि इसे पानी से रहना है दूर
पांच साल से है पानी से दूर आॅस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में रहने वाली 19 साल की लिंडसे कुब्ररे को स्विंग करना, घंटों पानी में भीगना आैर तरह तरह के स्पोर्टस में हिस्सा लेना बहुत पसंद था, लेकिन बीते पांच सालों से उसके लिए ये सब सब कुछ करना अलाउड नहीं है। लिंडसे को भीगने की इजाजत नहीं है फिर भले ही वो बारिश में भीगना हो या खेल के दौरान पसीने से भीगना। वो शाॅवर भी नहीं ले सकती, आैर ये सब पिछले पांच साल से जारी है। खुद को साफ करने के लिए उसे कर्इ तरह के जुगाड़ करने पड़ते हैं। इतना ही नहीं वो अपनी इस पर
पांच साल से है पानी से दूर
आॅस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में रहने वाली 19 साल की लिंडसे कुब्ररे को स्विंग करना, घंटों पानी में भीगना आैर तरह तरह के स्पोर्टस में हिस्सा लेना बहुत पसंद था, लेकिन बीते पांच सालों से उसके लिए ये सब सब कुछ करना अलाउड नहीं है। लिंडसे को भीगने की इजाजत नहीं है फिर भले ही वो बारिश में भीगना हो या खेल के दौरान पसीने से भीगना। वो शाॅवर भी नहीं ले सकती, आैर ये सब पिछले पांच साल से जारी है। खुद को साफ करने के लिए उसे कर्इ तरह के जुगाड़ करने पड़ते हैं। इतना ही नहीं वो अपनी इस परेशानी को साझा करके या आैर किसी वजह से रो भी नहीं सकती क्योंकि उसे आंसू बहाना भी मना है। आखिर एेसा क्यों है।
दुर्लभ बीमारी
डेलीमेल के मुताबिक वास्तव में लिंडसे को दुर्लभ बीमारी है जिसे एक्वॉजनिक अर्टकेरिया कहते हैं। इस बीमारी में मरीज को पानी से अलर्जी होती है। वैसे तो डाॅक्टर भी ये नहीं बता सकते हैं कि इस बीमारी के दुनिया में कुल कितने मरीज हैं पर एक अनुमान के अनुसार विश्व भर में इस अनोखी बीमारी से ग्रस्त सिर्फ 50 के करीब ही लोग मिलेंगे। इस बीमारी में पानी के संपर्क में आते ही लिंडसे को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उसके शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं, जिनमे तेज जलन होती है आैर उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। साथ ही आंखों से आंसू गिरने लगते हैं। ये स्थिति करीब दो घंटे तक रहती है। उसे जब सिर धोना होता है तो अपने को पतले कवर से ढक लेती हैं आैर एक मिनट के अंदर बाहर आ जाती हैं। पानी पी नहीं सकती इसलिए सिर्फ दूध पीती है।
कैसे लगा ये रोग
लिंडसे का कहना है कि 14 साल की उम्र तक वे बिलकुल सामान्य थी आैर बेहतरीन स्वीमर भी थीं। फिर उन्हें टौंसिल की शिकायत हो गर्इ आैर उन्हें पेनिसिलिन की हैवी डोज दी गर्इ। इसके बाद ही उन्हें अपने आप में अजीब परिर्वतन दिखने लगे। जब तकलीफ बर्दाश्त के बाहर हो गर्इ तो वे त्वचा विशेषज्ञ के पास गर्इं आैर तब बेहद रिसर्च के बाद उन्हें अपनी इस दुर्लभ बीमारी के बारे में पता चला। इस बीमारी का फिलहाल ना तो कोर्इ इलाज है आैर ना ही कोर्इ खास राहत देने वाली दवार्इयां हैं।
लोग नहीं करते विश्वास
लिंडसे ने बताया कि लोग कर्इ बार मानने को तैयार नहीं होते कि ये कोर्इ बीमारी है या ये इतनी गंभीर है। उनकी नजर में लिंडसे साफ नहीं रहतीं हांलाकि वे कहती हैं कि उन्हें पता है कि खुद को कैसे साफ रखना है। उन्होंने खुद को तकलीफ से बचाने के कर्इ रास्ते खोज लिए हैं, जैसे वो हमेशा एयरकंडीशन में रहने का प्रयास करती हैं ताकि पसीना ना आये। इसके अलावा कार में हमेशा छाता रखती हैं आैर जब वे शाॅवर लेती हैं तो खुद को दो घंटे तक घर में बंद रखती हैं। यूनिर्वसिटी में पत्रकारिता आैर जनसंपर्क का अध्ययन कर रही लिंडसे एक आॅफिस में काम करती हैं आैर आमतौर पर किसी सामान्य किशोरी की तरह ही दिखती हैं, जब तक वो पानी के संपर्क में नहीं आतीं।