आगरा में जल्द शुरू होगा हवाई दर्शन, हेलीपोर्ट के लिए टेंडर, हेलीकॉप्टर से देख सकेंगे ताजमहल
ख्वाब से हकीकत में बदलने जा रहा है ताजमहल का हवाई दर्शन। पांच कंपनियों का किया गया है चयन कैबिनेट लगाएगी मुहर। शहर के पर्यटन में नए रंग जुड़ने से रोमांच का होगा अहसास। पीएम मोदी ने जनवरी 2019 में एत्मादपुर के मदरा में हेलीपोर्ट का शिलान्यास किया था।
आगरा, निर्लोष कुमार। ताजनगरी में हवाई दर्शन का ख्वाब साकार होने जा रहा है। उप्र पर्यटन निगम द्वारा किए गए टेंडर के बाद पांच कंपनियों को चुना गया है। तकनीकी बिड में सफल और सर्वाधिक बोली लगाने वाली चयनित कंपनी पर कैबिनेट मुहर लगाएगी। इससे शहर के पर्यटन में नए रंग तो जुड़ेंगे ही, पर्यटकों को रोमांच का अहसास भी होगा।
पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जनवरी, 2019 में कोठी मीना बाजार मैदान में हुई रैली में एत्मादपुर के मदरा में हेलीपोर्ट का शिलान्यास किया था। 4.9 करोड़ रुपये की लागत से हेलीपोर्ट बनाया गया है। उप्र पर्यटन विभाग ने इसे संचालन योग्य बनाने को शासन से 19 लाख रुपये की मांग की थी।
ये कंपनियां चयनित
हेलीपोर्ट से हेलीकाप्टर का संचालन कर पर्यटकों को स्मारकों का हवाई दर्शन कराया जाएगा। हेलीपोर्ट का संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर किया जाना है। इसके लिए उप्र पर्यटन निगम द्वारा हेलीकाप्टर सेवा को शुरू करने के लिए टेंडर किया गया था। इसमें पांच कंपनियाें फ्लाई ब्लेड, राजस एडवेंचर, ओएसिस, शौर्या एयरोनोटिक्स, श्रीरिशा टेक्नोलाजी का चयन हुआ है।
हेलीकाप्टर सेवा के संचालन को कंपनी का चयन कैबिनेट करेगी। संयुक्त निदेशक पर्यटन अविनाश चंद्र मिश्रा ने बताया कि कंपनियों का तकनीकी इवेल्यूएशन किया जा रहा है। सर्वाधिक बोली लगाने वाली कंपनी का चयन किया जाएगा।
डबल इंजन के हेलीकाप्टर होंगे
22 जुलाई को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह दैनिक जागरण द्वारा आयोजित विचार मंच में शामिल हुए थे। उन्होंने हवाई दर्शन योजना में विलंब की एक वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditya Nath) द्वारा पर्यटकों की सुरक्षा को डबल इंजन वाले हेलीकाप्टर को वरीयता देना बताई थी। इसके लिए कंपनियों से वार्ता की जाएगी।
कंपनी लेगी अनुमति
हेलीकाप्टर सेवा के संचालन को जिस कंपनी का चयन होगा, उसे हवाई दर्शन को अनुमति संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी। हेलीकाप्टर की उड़ान को डायरेक्टरेट जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) से अनुमति प्राप्त करनी होगी।