अब गंगा से नहीं बल्कि भूमिगत जल से भरे जाएंगे भागलपुर केजलमीनार
- 19 में से 16 जलमीनार निर्माण के लिए भूमि हुई आवंटित
- 19 में से 16 जलमीनार निर्माण के लिए भूमि हुई आवंटित, बरहपुरा, अबीर मिश्रा लेन व अलीगंज का कार्य अटका
- 51 वार्डों की 30 फीसद आबादी को पेयजल के लिए करना पड़ रहा भाग-दौड़, धरातल पर योजना नहीं
- कंपनी को 24 दिसंबर तक करना है कार्य पूरा, चार माह ही बचे शेष, 40 प्रतिशत अब भी कार्य अधूरा
जागरण संवाददाता, भागलपुर : शहर में स्वच्छ पेयजल के लिए लोगों को हर दिन जूझना पड़ रहा है। शहर में 527 करोड़ रुपये की जलापूर्ति योजना सरकारी तंत्र के पेच में उलझ गई है। पांच वर्षों बाद भी योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पाया है।
2022 के दिसंबर तक कार्य पूरा करना है। मियाद पूरा होने में अब चार माह ही शेष बचा है। कार्य 60 प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है। योजनाओं की बार-बार समीक्षा के बाद भी निर्माण कंपनियों पर असर नहीं पड़ रहा है। 51 वार्डों की 30 फीसद आबादी को पेयजल के लिए भाग-दौड़ करनी पड़ रही है। 19 जलमीनार के बदले तीन का ही कार्य अबतक पूरा हो पाया है। पांच अर्द्धनिर्मित है। शेष का कार्य खटाई में पड़ गया है।
जलमीनार के साथ बोरिग की जानी है, ताकि वाटर वाटर वर्क्स के बदले बोरिग से सीधी आपूर्ति की जा सके। अबतक हाउसिग बोर्ड से ही बोरवेल के माध्यम से जलापूर्ति शुरू हो सकी है। इस जलमीनार से बरारी क्षेत्र में जलापूर्ति की जा रही है। विभाग ने निर्देश दिया है कि जब तक नए वाटर वर्क्स व इंटेकवेल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता है, तबतक जलमीनार में बोरिग से पानी भरकर मोहल्ले में आपूर्ति की जाए। बहरहाल, जलमीनारों का निर्माण कार्य की प्रगति कछुए की गति जैसी है।
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जून 2021 तक जलमीनार से पानी की आपूर्ति का दावा
बुडको का दावा था कि जून 2021 तक मिरजानहाट ठाकुरबाड़ी व तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर के जलमीनार से पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। लेकिन यह दावा धरातल पर नहीं उतर सका है। जलापूर्ति के फेज टू में 20.43 करोड़ रुपये की लागत से हाउसिग बोर्ड, मिरजानहाट ठाकुरबाड़ी और टीएमबीयू परिसर में निर्मित जलमीनार से जलापूर्ति पाइप को जोड़ना है। तीसरे चरण में 88.26 करोड़ की लागत से जलमीनार का निर्माण होना है। जिसमें सुरखीकल, आनंदगढ़ कालोनी, पथ निर्माण विभाग के कार्यालय, लाजपत पार्क व नगर निगम गोदाम परिसर में जलमीनार का कार्य पूरा करना है। चौथे चरण में 83.5 करोड़ रुपये की लागत से छह जलमीनार का निर्माण और पुराने जलमीनार का जीर्णोद्धार किया जाना है। हाल यह है कि इशाकचक, घंटाघर चौक व गोशाला परिसर में जलमीनार के जीर्णोंद्धार का कार्य भी अधूरा है। वहीं 19 में से 16 जलमीनार के लिए ही जमीन मिल सकी है।
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कंपनी को कार्य पूरा करने का मिला टास्क
शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति योजना के तहत बुडको ने पांच जलमीनार से पानी की आपूर्ति का सितंबर तक लक्ष्य रखा है। जिससे 50 हजार लोगों को पानी की सुविधा मिलने लगेगी। नगर विकास प्रमंडल भागलपुर वन के कार्यपालक अभियंता नागेन्द्र ने बताया कि ठाकुरबाड़ी, टीएमबीयू, आनंदगढ़, सुरखीकल व आरसीडी के जलमीनार से आपूर्ति होगी। गंगाजल की व्यवस्था नहीं हुई तो जलमीनार के समीप डीप बोरिग कराकर, उससे मोहल्ले में सीधी जलापूर्ति की जाएगी। बरहपुरा, अबीर मिश्रा लेन व अलीगंज में जलमीनार के लिए भूमि का अभाव है। इससे कार्य बाधित नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि मानिक सरकार के पुराने जलमीनार को तोड़ा जाएगा। जलापूर्ति बाधित नहीं हो इसके लिए नगर आयुक्त ने कहा कि बोरिग से सीधी आपूर्ति की जाएगी। इधर इंजीनियरिग कालेज से मुख्य पाइप लाइन बिछाने के लिए एनएच 80 से अनुमति लेने की कवायद जारी है।