Nitish cabinet expansion : आफाक आलम, कांग्रेस ने खेला सीमांचल में अल्पसंख्यक कार्ड, CM नीतीश कैबिनेट में मिली जगह
Nitish cabinet expansion पूर्णिया के कसबा विधायक विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक आफाक आलम को नीतीश कैबिनट में जगह मिल गई है। वे पहली बार मंत्री बने। कांग्रेस में बिहार के सीमांचल में मुस्लिम कार्ड खेला है। जिला परिषद सदस्य से उनकी राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी।
कुमार गौरव, कसबा (पूर्णिया)। Nitish cabinet expansion : वर्ष 2000 में पहली बार मो आफाक आलम कसबा पश्चिमी क्षेत्र से जिला परिषद का चुनाव लड़ें और जीते भी। किंतु जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में उन्हें एक मत से हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2005 में पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कसबा विधानसभा से चुनाव लड़े पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2010 में समाजवादी पार्टी से पहली बार कसबा विधानसभा से विधायक चुने गए। किंतु किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने के कारण मध्यवर्ती चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस के टिकट पर अफाक आलम ने दूसरी बार जीत दर्ज की।
वहीं 2015 तथा 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में लगातार जीत दर्ज की। वर्तमान में कसबा विधायक अफाक आलम अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सभापति के साथ साथ कांग्रेस विधायक दल के उप नेता भी है। विधायक मो आफाक आलम के पिता मो नईमुद्दीन कसबा प्रखंड के प्रखंड प्रमुख भी रह चुके है। जबकि विधायक मो आफाक आलम के बड़े भाई मुस्ताक आलम गुरही पंचायत के मुखिया भी रह चुके है।
अफाक आलम अपने मृदु व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। पार्टी की गुटबाजी से भी वे काफी दूर रहे। कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन से उनका मधुर संबंध रहा है। उन्हें मंत्री बनाकर कांग्रेस ने सीमांचल में खोई अपनी सियासी जमीन को पाने का दाव भी चला है।
बिहार में बनी महागठबंधन की नई सरकार में अफाक आलम को पशु एवं मतस्य संंसाधन विभाग का मंत्री बनाया गया है। कहा जा रहा है कि आफाक आलम को मंत्री बनाकर कांग्रेस ने सीमांचल में अल्पसंख्यक कार्ड खेला है। CM नीतीश कुमार ने उन्हें कैबिनेट में जगह दी है। सभी पार्टियों की नजर बिहार के सीमांचल इलाके में है। सीमांचल क्षेत्र में मुसलमानों की ज्यादा आबादी है। इस कारण सभी पार्टियां अल्पसंख्यक समाज में अपनी पैठ बनाना चाहती है।