नए आइओ के आने से बाद घोटाले के संबंध में दोबारा मांगी जा रही जानकारी
भागलपुर। सृजन घोटाला की सीबीआइ जांच में तेजी आ गई है। नए आइओ के आने के बाद फिर से संबंधित विभागों से
भागलपुर। सृजन घोटाला की सीबीआइ जांच में तेजी आ गई है। नए आइओ के आने के बाद फिर से संबंधित विभागों से जानकारी मांगी जा रही है। कल्याण विभाग से जानकारी मंगाने के बाद डीआरडीए व जिला परिषद से 13 चेक के संबंध में जानकारी मांगी गई है।
हालांकि इस तरह की जानकारियां विभाग की ओर से पहले भी उपलब्ध कराई जा चुकी हैं, लेकिन नए आइओ ने फिर से जानकारी मांगी है। सीबीआइ ने डीआरडीए व जिला परिषद ही नहीं भू-अर्जन, नजारत, स्वास्थ्य सहित प्रखंडों से भी राशि के आदान-प्रदान की जानकारी मांगी है।
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सृजन में सिर्फ गई ही नहीं, लौटी भी है राशि
ऐसा नहीं है कि सरकारी खजाने की राशि सिर्फ सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में गई है, बल्कि सृजन से राशि सरकारी खजाने में वापस भी लौटी है। अगर किसी विभाग की सौ करोड़ की राशि सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में गई है तो आधी से अधिक राशि लौटी भी है। ऐसे मामलों की सीबीआइ पता लगा रही है। सरकारी खजाने की राशि सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में जमा होती थी और जब विभाग को राशि की आवश्यकता पड़ती थी तब सृजन से राशि सरकारी खजाने में जमा करा दी जाती थी। यह व्यवस्था 2007 से 2017 तक चली। ऐसे ही मामले में सीबीआइ ने डीआरडीए के सात और जिला परिषद के छह चेक से संबंधित जानकारी मांगी है। सीबीआइ ने डीआरडीए से पूछा है कि क्या इस सात चेक के माध्यम से डीआरडीए के खाते में सृजन महिला विकास सहयोग समिति ने राशि जमा की थी। कल्याण विभाग ने इंडियन बैंक के सात चेक के माध्यम से राशि जमा करने भेजा था और यह राशि सृजन के खाते में ट्रांसफर हो गई।
असल में सृजन महिला विकास सहयोग समिति को पता चला कि डीआरडीए को पैसे की जरूरत है और खाते से चेक के माध्यम से राशि की निकासी की जाएगी। बैंक व डीआरडीए से सृजन को जानकारी मिलने के बाद सृजन संस्था ने कल्याण विभाग के सातों चेक से राशि डीआरडीए के खाते में जमा कर दी, ताकि डीआरडीए के खाते से पूर्व में हुई निकासी की जानकारी डीआरडीए को नहीं हो सके। यह जानकारी डीआरडीए की ओर से एफआइआर दर्ज कराने के दौरान दी गई थी। डीआरडीए ने सीबीआइ के दिल्ली आफिस को भी इस बारे में बताया था। अब जांच अधिकारी बदलने और जांच की कार्रवाई सीबीआइ के पटना कार्यालय से होने के कारण फिर से पूरी जानकारी मांगी गई है।
सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव मनोरमा देवी जब तक जिंदा रहीं, तब तक व्यवस्था थी कि सरकारी खजाने की राशि बैंक के माध्यम से सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में जमा होगी। जब संबंधित विभाग द्वारा राशि निकासी के लिए चेक बैंक में जमा की जाती थी उससे पहले सृजन के माध्यम से राशि बैंक में जमा करा दी जाती थी।