आरटीए विभाग की लोकेशन पर बिल्ला भाई और आजाद परिंदे रख रहे नजर, फैला रखा है नेटवर्क
ओवरलोड वाहन चला रहे ट्रांसपोर्टरों ने आरटीए की कार्रवाई से बचने के लिए नेटवर्क खड़ा किया। जय माता दी आजाद परिंदा बिल्ला भाई जी लाइव वाट्सअप ग्रुप खुलते ही आरटीए विभाग की छापेमार टीम की लोकेशन आ जाती है। टीम के कार्यालय से निकलते ही शुरू हो जाती रेकी।
करनाल, जागरण संवाददाता। जय माता दी, आजाद परिंदा, बिल्ला भाई व जी लाइव सहित दर्जनों ऐसे वाट्सएप पर ग्रुप है, जिनके खुलते ही ट्रांसपोर्ट विभाग की टीम की लोकेशन मोबाइल पर आ जाती है। जिसके बाद वाहन चालक तत्काल ही दूसरा रास्ता बदल लेते हैं और टीम को खाली हाथ बैंरग लौटना पड़ता है।
विभाग की टीम द्वारा की जाने वाली कार्रवाई से बचने के लिए रेत, बजरी व अन्य सामान से ओवरलोड वाहनों को धड़ल्ले से चलाने वाले ट्रांसपोर्टरों ने यह नेटवर्क खड़ा किया है, जो टीम के कार्यालय से निकलते ही रेकी शुरू कर देता है और अंत तक उसके पीछे रहता है। डिटेक्टिव स्टाफ ने ऐसे एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसके चार सदस्यों को दो कार सहित गिरफ्त में लिया है।
आरोपितों के मोबाइल में बनाए गए वाट्सअप ग्रुप व इनमें आरटीए टीम की लोकेशन को लेकर की गई चैटिंग देख डिटेक्टिव स्टाफ की टीम भी दंग रह गई। पकड़े गए आरोपितों में एक रोहतक तो तीन उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि आरटीए विभाग के पास ट्रांसपोर्टरों द्वारा रेत, बजरी, कोरसेंड व अन्य सामान से आवेरलोड वाहन दिल्ली व उत्तरप्रदेश की ओर यमुनागर से करनाल होते हुए धड़ल्ले से चलाए जाने की शिकायतें लगातार मिल रही थी, जिसके चलते विभाग ने इस पर शिकंजा कसने के लिए छापेमारी तेज कर दी थी, लेकिन इससे बचने के लिए ट्रांसपोर्टरों ने यह नेटवर्क खड़ा कर लिया।
पकड़े गए आरोपितों के मोबाइल देख दंग रह गई टीम
जुबेर वासी गांव केरटु जिला शामली, जिससे 500 रुपये का एक नोट व एक मोबाइल बरामद किया गया, जिसकी जांच की तो राकीब नाम से सेव किए नंबर पर गाड़ियों की क्रासिंग को लेकर चैटिंग की हुई थी। उसके साथ कार में बैठे दूसरे आरोपित समीर उर्फ अकुंश वासी गांव चुलियाना जिला रोहतक से एक हजार रुपये व मोबाइल बरामद हुआ।
इन नामों से ग्रुप
इसके मोबाइल में शर्मा जी हेल्पलाइन, तुंगनाथ महादेव, गोल्डी हेल्पलाईन, आज तक न्यूज लाईव व गोल्डी सोरा हेल्पलाईन के नाम से ग्रुप बनाए हुए थे, जिसमे आरीटए स्टाफ की गाडियों की चैकिंग लोकेशन को लेकर चैटिंग की हुई है। उत्तरप्रदेश नंबर की यह कार जुबेर वासी गांव केरटु जिला शामली की पाई गई। वहीं दूसरी कार से आरोपित शाहिर वासी गांव केरटु जिला शामली से दो हजार रुपये व एक मोबाइल मिला, जिसमें एस टी सी, हसन, जी हेल्फलाईन, हैप्पी रोड लाइन, चौधरी गुडस कैरियर, प्रधान, डी पानीपत, चौधरी, आजाद परिंदा, गोल्डी हैल्पलाईन 2, बिल्ला भाई, बाबा रोड लाईन, ट्रासपोर, समाज सेवा, गुरु लाईव, ताल्ली, जय माता दी, हरियाणा रोडवेज, यमुनानगर, दादरी हैल्पलाईन, शामली यूनियन, ताल्ली, हिन्दुस्थान व हरियाणा के नाम से वाटसअप ग्रुप बनाए हुए थे।
लोकेशन की रकम का हिसाब तय होता
इन सभी में आरटीए टीम की लोकेशन को लेकर चैटिंग की हुई है। इसी कार में दूसरे आरोपित आजम वासी गांव शेखपुरा जागीर से 2800 रुपये व मोबाइल मिला। आरोपित ने फीस नाम से भी एक ग्रुप बनाया, जिसमें लोकेशन भेजने को लेकर ली गई रकम का हिसाब लिखा हुआ था। यह कार शाहिर चौधरी वासी गांव केरटु जिला शामली के नाम पर पाइ गई। पकड़े गए आरोपितों पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
ये रहे डिटेक्टिव टीम में शामिल
डिटेक्टिव स्टाफ की टीम में एएसआई देवेंद्र कुमार केे नेतृत्व में हवलदार बलराज, जंगशेर, विनोद कुमार, राजेंद्र शामिल रहे। यह टीम बलड़ी बाईपास पर शनिवार दोपहर के समय अपराध रोकथाम को लेकर खड़ी थी, तभी गुप्त सूचना पर टीम ने हाईवे किनारे एक ढाबे के पीछे से आरोपितों को गिरफ्त में लिया।