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Property News: नोएडा और गाजियाबाद में जमीन की रजिस्ट्री कराना होगा महंगा, सर्किल रेट में बदलाव की तैयारी

Property News उत्तर प्रदेश सरकार जमीन के सर्किल रेट (Circle Rate) में बढ़ोतरी कर सकती है। इसका सीधा असर जमीन खरीदने वालों पर पड़ेगा। इससे नोएडा और गाजियाबाद में जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए लोगों को ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ेगी।

By Abhishek TiwariEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 11:03 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 11:03 AM (IST)
Property News: नोएडा और गाजियाबाद में जमीन की रजिस्ट्री कराना होगा महंगा, सर्किल रेट में बदलाव की तैयारी
Property News: नोएडा और गाजियाबाद में जमीन की रजिस्ट्री कराना होगा महंगा

नोएडा, जागरण संवाददाता। जल्द ही राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद और हापुड़ सहित प्रदेशभर में जमीन खरीदना महंगा हो सकता है। प्रदेश की योगी सरकार जमीन के सर्किल रेट में बढ़ोतरी कर सकती है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में चार वर्ष से सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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इस संबंध में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों से चर्चा कर कहा कि चार वर्ष से सर्किल रेट में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, इसलिए इसका पुनरीक्षण किया जाए।

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नोएडा में प्रॉपर्टी के रेट बढ़े

उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते ही नोएडा में प्रॉपर्टी के रेट बढ़ाए गए थे। इसका जमीन और फ्लैट खरीदने वालों पर सीधा असर पड़ेगा। नोएडा प्राधिकरण ने भू-आवंटन दरें 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ाई थी। जबकि आवासीय फ्लैट और वाणिज्यिक भूखंड की दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया।

बता दें कि ग्रुप हाउसिंग की दरों में 20 फीसद की बढ़ोतरी की गई। वहीं, संस्थागत उपयोग की श्रेणी, जो आवासीय दरों से लिंक्ड नहीं हैं, उनमें भी 20 प्रतिशत का इजाफा किया गया।

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एक खाते के हिस्सेदारों को मिलेंगे अलग-अलग आबादी भूखंड

यमुना प्राधिकरण अब एक खाते में शामिल हिस्सेदारों को अलग-अलग आबादी भूखंड आवंटित करेगा। यह प्रस्ताव स्वीकृति के लिए प्राधिकरण की 24 अगस्त को होने वाली बैठक में रखा जाएगा।

बता दें कि यमुना प्राधिकरण किसानों की अधिगृहीत या सहमति से ली जमीन के एवज में 7 प्रतिशत आबादी भूखंड आवंटित करता है। वर्तमान में नियम है कि एक खाते में हिस्सेदारों को एक ही भूखंड आवंटित किया जाता है।

इससे परिवार में भूखंड के बंटवारे और उसके विक्रय परेशानी आती है। सभी सदस्यों के बीच सहमति नहीं बनने की स्थिति में भूखंड विक्रय नहीं हो पाता। इस समस्या के समाधान के लिए प्राधिकरण नियम को बदलने की तैयारी में है।


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