बढ़ने वाली हैं भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन की मुश्किलें, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया FIR दर्ज करने का आदेश
BJP leader Shahnawaz Hussain प्राथमिकी दर्ज करने के निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान खारिज कर दी। दिल्ली की महिला की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने के साकेत मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट के निर्णय को बरकरार रखा।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। महिला से दुष्कर्म के मामले में निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन की याचिका को निरस्त करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ तत्काल प्राथमिकी करने का आदेश दिया है।
दिल्ली हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने कहा कि मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट (एमएम) द्वारा प्राथमिकी करने के आदेश में न तो कोई विकृति नहीं है और न ही विशेष न्यायाधीश के निर्णय में भी कोई त्रुटी है कि जांच रिपोर्ट प्रारंभिक प्रकृति की होने के कारण इसे रद्दीकरण रिपोर्ट के रूप में नहीं माना जा सकता है।
अपील याचिका काे निराधार बताते हुए पीठ ने आदेश दिया कि मामले में तत्काल प्राथमिकी की जाए और जांच पूरी करके एक विस्तृत रिपोर्ट तीन महीने के अंदर एमएम के समक्ष दाखिल की जाए।
पीठ ने यह भी कहा कि एमएम कानून के अनुसार यह निर्धारित करने के लिए आगे बढ़ेंगे कि क्या अंतिम रिपोर्ट को संज्ञान लेकर मामले को आगे बढ़ाना है या फिर शिकायतकर्ता को सुनवाई का मौका देने के बाद प्राथमिकी को रद करना है।
शाहनवाज हुसैन पर दिल्ली की एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी करने की मांग की थी।साकेत कोर्ट के एमएम ने सात जुलाई 2018 को शाहनवाज के खिलाफ दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
इस निर्णय को शाहनवाज ने विशेष न्यायाधीश के समक्ष चुनौती दी, लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद शाहनवाज ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। दिल्ली हाई कोर्ट ने 13 जुलाई 2018 को प्राथमिकी करने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
शाहनवाज हुसैन ने अपील याचिका में दलील दी कि एमएम के समक्ष दिल्ली पुलिस द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि मामले की जांच में शिकायतकर्ता के आरोप निराधार पाए गए थे।शाहनवाज ने दलील दी कि उक्त रिपोर्ट के बावजूद भी एमएम ने उनके खिलाफ प्राथमिकी करने का आदेश दे दिया।
शाहनवाज हुसैन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने मामले में तर्क दिया था कि एमएम ने प्राथमिकी करने के पीछे कोई कारण नहीं दिया था।
वहीं, विशेष न्यायाधीश ने उक्त तथ्य के बावजूद भी एमएम के निर्णय को बरकरार रखकर गलती की थी। महिला ने जनवरी 2018 में निचली अदालत में शिकायत करके शाहनवाज के खिलाफ प्राथमिकी करने की मांग की थी। महिला का आरोप था कि शाहनवाज ने उनके साथ दुष्कर्म किया है।