Delhi Market: दिल्ली की 93 साल पुरानी मार्केट में फ्री मिलेगी कार पार्किंग, बस करनी होगी ऐसे शॉपिंग
ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बंगाली मार्केट के दुकानदार खरीदारी के एवज में मुफ्त पार्किग की पेशकश कर रहे हैं। मंडी हाउस के नजदीक यह 93 वर्ष पुराना बाजार वर्ष 1930 से अस्तित्व में है। इसमें कुल 30 दुकानें हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बंगाली मार्केट के दुकानदार खरीदारी के एवज में मुफ्त पार्किग की पेशकश कर रहे हैं। मंडी हाउस के नजदीक यह 93 वर्ष पुराना बाजार वर्ष 1930 से अस्तित्व में है। इसमें कुल 30 दुकानें हैं।
इस बाजार में पार्किग दर दिल्ली में सर्वाधिक 50 रुपये प्रति घंटे है। एक घंटे से एक मिनट भी अधिक होने पर पार्किग शुल्क बढ़कर 100 रुपये हो जाता है। दुकानदारों का कहना है कि इसके कारण उनके कारोबार में 40 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
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2000 रुपये से ज्यादा की करनी होगी शॉपिंग
इसलिए वे एक निश्चित मूल्य की खरीदारी पर मुफ्त पार्किग समेत अन्य पेशकश कर रहे हैं। एक दुकानदार ने अपनी दुकान के बाहर 2,000 रुपये से ज्यादा की खरीदारी करने पर मुफ्त पार्किग का बैनर भी लगा दिया है। उनके मुताबिक इस स्थिति में ग्राहकों का पार्किग शुल्क वह चुका रहे हैं।
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के संबंधित विभाग के एक अधिकारी ने सर्वाधिक पार्किग शुल्क का बचाव करते हुए कहा कि यह मुख्य मार्ग पर पार्किग को हतोत्साहित करने के लिए किया गया है।
तीन साल से चल रहा है विरोध
दुकानदारों के मुताबिक एनडीएमसी ने वर्ष 2019 से पार्किग दर ढाई गुना कर रखी है। इसके इतर कुछ सौ मीटर दूर कनाट प्लेस में पार्किग शुल्क अब भी 20 रुपये प्रति घंटे और अधिकतम 100 रुपये तक है। पहले यहां भी यहीं दर थी।
इस बढ़ोतरी के खिलाफ स्थानीय दुकानदारों ने बाजार बंद के अलावा धरना-प्रदर्शन भी किया था, लेकिन कोई हल नहीं निकला तो कारोबार बनाए रखने का यह रास्ता निकाला है।
बंगाली मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता ने बताया कि यहां पार्किग शुल्क अन्य बाजारों से कई गुना अधिक है। इसका असर कारोबार पर पड़ रहा है। यह 40 प्रतिशत तक घट गया है। इसलिए ग्राहकों को लुभाने के लिए पार्किग शुल्क में छूट समेत अन्य पेशकश दी जा रही है।
दुकानदार संजीव गुप्ता ने बताया कि यह स्थानीय व खुदरा बाजार है। यहां लोग फल, सब्जी, दूध, ब्रेड, कपड़ा प्रेस कराने, किराने का सामान, खिलौने, किताबें समेत जरूरत के सामान खरीदने आते हैं। कुछ रेस्त्रां भी है। ऐसे में कोई 100 रुपये का सामान खरीदने यहां क्यों आएगा, जब पार्किग ही 50 रुपये की होगी।