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Rising India: शाबाशी पा रही कश्मीरी युवाओं की टोली, अपने खर्चे पर बना दिया क्वारंटाइन केंद्र

जम्मू-कश्मीर के कुछ युवा गांव-गांव जाकर लोगों तक राशन पहुंचाने के साथ उन्हें जागरूक कर रहे हैं। वे खुद के खर्चे से एक क्वारंटाइन केंद्र तक बना दिया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 10:01 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 03:55 PM (IST)
Rising India: शाबाशी पा रही कश्मीरी युवाओं की टोली, अपने खर्चे पर बना दिया क्वारंटाइन केंद्र
Rising India: शाबाशी पा रही कश्मीरी युवाओं की टोली, अपने खर्चे पर बना दिया क्वारंटाइन केंद्र

रजिया नूर, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर ने अभी नए दौर में कदम रखा ही था कि कोरोना वायरस से सामना हो गया। सरकार ने आवार की सुरक्षा को हरसंभव उपाय किए, साथ ही कश्मीरी युवाओं ने भी इसमें सहयोग कर संदेश दिया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत किस तरह एकजुट होकर प्रयास कर रहा है। यह ऐसे ही युवाओं की प्रेरक कहानी है।

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यह कोरोना योद्धा न केवल गांव-गांव जाकर लोगों तक राशन पहुंचाने के साथ उन्हें जागरूक कर रहे हैं, बल्कि इन्होंने खुद के खर्चे से एक क्वारंटाइन केंद्र तक बना दिया। युवाओं की यह टोली बैंकों और राशन डिपो के बाहर भीड़ जमा न होने देने की जिम्मेदारी भी संभाल रही है। यही नहीं, इस दल ने तहसील के खेल मैदानों में बच्चों व युवाओं की भीड़ जमा न हो, इसके लिए स्थानीय लोगों की सहमति से खेल मैदानों को बीच से खोद दिया, जो बाद में फिर भरे जाएंगे।

मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले की दूरदराज तहसील खाग के करीब 50 युवक-युवतियों की टोली के काम की चर्चा इन दिनों आम से लेकर प्रशासन तक है। इस दल का नेतृत्व लतीफ अहमद तेली कर रहे हैं, जो एक कंपनी में काम करते हैं और श्रीनगर में नियुक्त हैं। लतीफ ने कहा कि हमारी खाग तहसील बेहद पिछड़ी है। यहां 99 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी व्यतीत करने वाले हैं। शिक्षा का स्तर भी कम है। तहसील के अधिकांश लोग मजदूरी के लिए श्रीनगर और बाकी जिलों में गए हैं। लॉकडाउन के दौरान भी उनका और उनके जानने वालों का तहसील में आना-जाना लगा रहा। यह गंभीर मामला था। मैं और मेरे दोस्तों ने फैसला किया कि बाहर से आने वालों के लिए क्वारंटाइन केंद्र होना चाहिए। प्रशासन पर निर्भर होने के बजाए मैंने अपने स्कूल अंदलीब एजुकेशनल सविर्सेज को क्वारंटाइन केंद्र में तब्दील कर दिया। एक-एक कर मेरे साथ और भी दोस्त और स्कूल के सभी अध्यापक जुड़ गए।

लतीफ के दोस्त जावेद अहमद ने कहा, हमने श्रीनगर व बाकी रेड जोन से आने वाले लोगों को इस क्वारंटाइन केंद्र में रखना शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों के साथ हमने आसपास के गांव जाकर भी लोगों को सूचित किया कि अगर उनके यहां कोई मेहमान आए तो हमें इसकी फौरन सूचना दें। क्वारंटाइन केंद्र का सारा खर्चा हमने अपनी जेब से ही वहन किया। हमने करीब एक माह क्वारंटाइन केंद्र चलाया और अब इसकी देखरेख जिला प्रशासन कर रहा है। 

ऐसे किया काम

टोली में शामिल शौकत डार ने बताया, हमने देखा कि आसपास के गांव के लोगों को कोरोना बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। अक्सर गली-कूचों व दुकानों पर भीड़ एकत्र होती थी। गांवों के बच्चों के साथ युवा भी स्थानीय मैदानों में खेलते थे। यह बहुत खतरनाक था। हमने सबसे पहले कपड़ा खरीद कर मास्क तैयार करवाए और गांव-गांव जाकर लोगों में बांटे। इसके बाद हमने टीम के दो-दो सदस्यों को तहसील में स्थित बैंकों में भेजा, जहां वह बैंक आने वाले लोगों को शरीरिक दूरी का पालन करने को कहते हैं। साथ ही हमने लोगों को विश्वास में लेकर स्थानीय मैदानों की खोदाई कर दी, ताकि खेल गतिविधियां फिलहाल संभव न हो।

अब तक 22 गांवों में बांटे फूड किट

 बकौल लतीफ, हमने पैसे एकत्र कर स्थानीय दुकानदारों से चावल, दाल, आटा, तेल आदि खरीदकर फूड किट तैयार किए और उन्हें गांव के लोगों में बांटना शुरू किया। अब तक तहसील के 22 गांव में लोगों को यह किट बांटे जा रहे हैं। हमारी टीम गांव-गांव जाकर लोगों को इस घातक वायरस के बारे में जागरूक भी कर रही है। इस काम के लिए हमने स्कूल की गाड़ी भी लगा रखी है। टीम के सदस्य इसी गाड़ी में हर दिन गांव-गांव जाते हैं।

राशन से लेकर बैंक की दे रहे जानकारी

इस टीम में शामिल शाजिया रहमान और चांदनी ने कहा, हमारी टीम लोगों को यह जानकारी भी देती है कि किस राशन डिपो पर किस दिन सरकारी राशन मिलेगा। किस दिन तहसील के किस बैंक शाखा में गांव के लोग जाकर पैसा जमा-निकाल सकते हैं। आपात स्थिति में किस टोल फ्री नंबर पर फोन कर सहायता मांगी जा सकती है। स्वास्थ्य सुविधाएं कैसे और कहां से मिलेंगी।

इनका हौसला बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी...

यह टीम कोरोना के खिलाफ जागरूकता मुहिम में हमारा साथ देने के साथ लोगों की वित्तीय सहायता भी कर रही है। एक महीने तक इन्होंने अपने खर्चे पर क्वारंटाइन केंद्र भी चलाया है। समाज के लिए काम करने वाले ऐसे लोगों का हौसला बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी है।

-डॉ. अब्दुल माजिद, तहसील के ब्लॉक मेडिकल आफिसर

युवा बेहद प्रतिभाशाली और जिम्मेदार है

'जम्मू कश्मीर का युवा बेहद प्रतिभाशाली और जिम्मेदार है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में कठुआ से लेकर कश्मीर तक युवा अपनी जिम्मेदारी समझते हुए जनसेवा कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर में इन युवाओं ने कमान संभाल रखी है। कोई भी सरकार तभी अपने इरादे में कामयाब हो सकती है, जब युवा उसके साथ खड़े हों। हम सभी को ऐसे युवाओं का हौसला बढ़ाना चाहिए। इस ओर दैनिक जागरण की यह पहल अहम है। इससे देश में नवप्रेरणा का संचार होगा।'

-जितेंद्र सिंह, पीएमओ में राज्यमंत्री

युवा वाकई मुबारकबाद के हकदार हैं।

'कोरोना महामारी के बीच बड़गाम जैसे पिछड़े इलाके में लोगों के लिए काम कर रहे यह युवा वाकई मुबारकबाद के हकदार हैं। यह युवा न केवल लोगों को जागरूक कर रहे हैं बल्कि उनकी हर तरह से मदद भी कर रहे हैं। समाज के लिए काम कर रहे इन युवाओं का सभी को हौसला बढ़ाना चाहिए। जैसा कि दैनिक जागरण ने इन्हें प्रोत्साहित कर किया है। मेरी ओर से पूरी टीम को शुभकामनाएं।'

-अभय रुस्तम सोपोरी, पद्मश्री (संतूर वादक)

(अस्वीकरणः फेसबुक के साथ इस संयुक्त अभियान में सामग्री का चयन, संपादन व प्रकाशन जागरण समूह के अधीन है।)


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