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अगर आपके शरीर के अंगों में भी होता है कंपन तो रहे सावधान, आप है पार्किंसन के शिकार

पार्किसन वह स्थिति है, जिसमें मरीज के अंगों में कंपन होने लगता है और उसे संतुलन बनाने में मुश्किल होती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 03:52 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 12:27 PM (IST)
अगर आपके शरीर के अंगों में भी होता है कंपन तो रहे सावधान, आप है पार्किंसन के शिकार
अगर आपके शरीर के अंगों में भी होता है कंपन तो रहे सावधान, आप है पार्किंसन के शिकार

नई दिल्‍ली [आइएएनएस]। शोधकर्ताओं ने पार्किंसन रोग के बढ़ते खतरे का अनुमान लगाने का एक नया तरीका खोज निकाला है। उनका कहना है कि आंखों में रेटिना के पतला होने का संबंध तंत्रिका तंत्र संबंधी इस रोग से हो सकता है। पार्किसन वह स्थिति है, जिसमें मरीज के अंगों में कंपन होने लगता है और उसे संतुलन बनाने में मुश्किल होती है।

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शोधकर्ताओं के अनुसार, रेटिना के पतला होने का जुड़ाव मस्तिष्क की उन सेल्स (कोशिकाओं) को क्षति पहुंचने से होता है जो डोपामाइन नामक कंपाउंड की उत्पत्ति करती हैं। यह कंपाउंड गतिविधि में मदद करता है। दक्षिण कोरिया की सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जी-यंग ली ने कहा, हमारा यह पहला अध्ययन है जो रेटिना के पतला होने और इस रोग के बढ़ते खतरे के बीच जुड़ाव को जाहिर करता है। पतला रेटिना बीमारी की गंभीरता की निशानी हो सकता है। इस खोज से आंखों की सामान्य जांच से पार्किंसन की प्रारंभिक अवस्था में ही पहचान की जा सकती है।

पार्किंसन के लिए आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेदिक की मदद से पार्किंसन के प्राकृतिक उपचार में मदद मिलती है, जिससे बीमारी से छुटकारा पाकर आपका शरीर पूरी तरह स्‍वस्‍थ हो जाता है। यह एक ऐसा इलाज है जिसमें पूरे शरीर का इलाज किया जा सकता है। आयुर्वेदिक उपचार तथ्‍य पर आधारित होता है, जिसमें अधिकतर समस्‍याएं त्रिदोष में असंतुलन यानी कफ, वात और पित्त के कारण उत्‍पन्‍न होती है।

दिमाग का टॉनिक ब्राह्मी

पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के द्वारा किए एक अन्य अध्ययन के अनुसार, ब्राह्मी के बीज का पाउडर पार्किंसन के लिए बहुत बढि़या इलाज है। यह रोग को दूर करने और मस्तिष्क की नुकसान से रक्षा करने करने का दावा करती है।

सबसे अच्‍छा हर्ब हल्दी

हल्‍दी एक ऐसा हर्ब है, जिसमें मौजूद स्‍वास्‍थ्‍य गुणों के कारण हम इसे कभी अनदेखा नहीं कर पाते। मिशिगन स्‍टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता बसीर अहमद भी इसके बहुत बड़े प्रशंसक है। उन्‍होंने एक ऐसी शोधकर्ताओं की टीम का नेत्तृव भी किया, जिन्‍होंने पाया कि हल्‍दी में मौजूद करक्यूमिन नामक तत्‍व पार्किंसंस रोग को दूर करने में मदद करता है। ऐसा वह इस रोग के लिए जिम्‍मेदार प्रोटीन को तोड़कर और इस प्रोटीन को एकत्र होने से रोकने के द्वारा करता है। 


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