38,000 करोड़ की केंद्रीय मदद न मिलने पर यूपी सरकार ने नीति आयोग का दरवाजा खटखटाया
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों का दल विभागों की फरियाद लेकर नीति आयोग के पास पहुंचा।
नई दिल्ली [ हरिकिशन शर्मा ]। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत आवंटित धनराशि व केंद्रीय सहायता राशि जारी न होने पर योगी सरकार ने नीति आयोग का दरवाजा खटखटाया है। यूपी सरकार के 18 विभागों के आला अफसर मंगलवार को इस सिलसिले में नीति आयोग पहुंचे जहां उन्होंने केंद्र के संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों के समक्ष अपने-अपने महकमे से संबंधित 38,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता राशि जारी करने की मांग की।
यूपी सरकार ने की 38,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता राशि जारी करने की मांग
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों का दल जिन विभागों की फरियाद लेकर नीति आयोग के पास पहुंचा उसमें शहरी विकास, पंचायती राज, बेसिक शिक्षा, योजना, ग्रामीण विकास, खाद्य और आपूर्ति, समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, अल्पसंख्यक कल्याण, महिला एवं बाल विकास, उच्च शिक्षा, युवा कल्याण, पशुपालन, मत्स्यन, गृह विभाग राजनीतिक पेंशन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग शामिल हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत के अलावा केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारियों ने उनकी मांगें सुनीं।
कुंभ के लिए मांगे 2,378 करोड़ रुपये
यूपी ने केंद्र सरकार से जो मदद मांगी है उसमें सबसे प्रमुख कुंभ के लिए विशेष सहायता है। योगी सरकार के शहरी विकास विभाग ने कुंभ के लिए 2,378 करोड़ रुपये की मांग की है लेकिन वित्त मंत्रालय यह राशि देने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि राज्य सरकार ने नीति आयोग का दरवाजा खटखटाया है। इसी तरह राज्य सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत टॉयलेट बनाने के लिए 3,378 करोड़ रुपये की राशि मांग की है। इसके अलावा सर्व शिक्षा अभियान के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए 9,174 करोड़ रुपये और इसी मद में दो साल से बकाया पड़ी 6,103 करोड़ रुपये की राशि को जारी करने की मांग भी राज्य सरकार ने केंद्र से की है।
बुंदेलखंड के लिए मांगा 4714.64 करोड़ रुपये का पैकेज
बुंदेलखंड और विंध्याचल क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए 2,800 करोड़ रुपये की मांग की है। इसी तरह मनरेगा के लिए 2,324 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 1,698 करोड़ रुपये जारी करने की मांग राज्य सरकार ने की है। योगी सरकार ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग से भी 1,627 करोड़ रुपये की बकाया सब्सिडी को जारी करने की मांग की है। नेशनल हेल्थ मिशन के 617 करोड़ रुपये और खेलो इंडिया के तहत भी राज्य सरकार ने 378 करोड़ रुपये की मांग की है। इसके अलावा पूर्वाचल के विकास के लिए भी राज्य सरकार ने मदद मांगी है।
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब यूपी ने केंद्रीय सहायता राशि जारी करने की मांग की है। इससे पूर्व 9 नवंबर को लखनऊ में हुई नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में राज्य सरकार ने केंद्र से 72,371 करोड़ रुपये की मांग की थी।
सिंह ने कहा कि नीति आयोग विभिन्न विभागों के साथ लंबित राज्य सरकार के मुद्दों को भी सुलझाने में मदद कर रहा है जबकि योजना आयोग सिर्फ बुलाकर बैठकें करता था। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने भी कहा कि आयोग प्रदेश सरकार को हर संभव मदद के लिए तत्पर है।