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Year Ender 2021- पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए 2021 में हुए कई बड़े प्रयास, भारत ने उठाए ये क्रांतिकारी कदम

संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी ने बताया कि मौसम की आपदाएं दुनिया को चार से पांच गुना अधिक बार मार रही हैं और 1970 के दशक की तुलना में सात गुना अधिक नुकसान पहुंचा रही हैं। 30 अगस्त 2021 को तूफान इडा के बाद घरों में बाढ़ आ गई।

By TilakrajEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 02:27 PM (IST)Updated: Fri, 31 Dec 2021 06:58 PM (IST)
Year Ender 2021- पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए 2021 में हुए कई बड़े प्रयास, भारत ने उठाए ये क्रांतिकारी कदम
जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनिया ने इस साल देखे कई बड़े बदलाव

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/विवेक तिवारी। साल 2021 को अलविदा कहने का समय आ गया है। नया साल 2022 आने जा रहा है। इस बीच देखें तो वर्ष 2021 पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत काफी महत्वपूर्ण रहा। ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु संकट पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय रहे। इस साल हीटवेव, वायु प्रदूषण, तूफान और आग ने दुनिया भर में समस्याएं पैदा की हैं। लेकिन इन कठोर वास्तविकताओं के बीच, ऐसे क्षण भी आए हैं, जिन्होंने भविष्य के लिए आशा जगाई। भारत ने भी पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत सरकार पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कई बड़े कदम उठा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व वाली सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों का असर आने वाले दिनों में साफ तौर पर दिखेगा।

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हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'रिपोर्ट ऑफ द एक्सपर्ट कमेटी ऑन रोडमैप फॉर इथेनॉल ब्लेंडिंग इन इंडिया 2020-2025' जारी की। उन्होंने पुणे में इथेनॉल के उत्पादन और पूरे देश में वितरण के लिए महत्वाकांक्षी ई-100 पायलट परियोजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य प्राप्त करने का समय कम करके 2025 करने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि भारत जलवायु के मामले में न्यायपूर्ण व्यवस्था का एक प्रबल समर्थक है और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना के वैश्विक विजन के साथ आगे बढ़ रहा है ताकि एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड के विजन और आपदा रोधी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत को जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष 10 देशों में शामिल किया गया है।

भारत जलवायु परिवर्तन से पैदा हुई चुनौतियों के प्रति जागरूक है और सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा के लिए हमारी क्षमता में पिछले 6-7 वर्षों में 250 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। भारत आज नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले में दुनिया के शीर्ष 5 देशों में हैं। विशेषकर सौर ऊर्जा की क्षमता पिछले 6 वर्षों में लगभग 15 गुना बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ हमारे वन भी पिछले कुछ वर्षों में 15 हजार वर्ग किलोमीटर तक बढ़े हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमारे देश में बाघों की संख्या दोगुनी हो गई है और तेंदुओं की संख्या में भी लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

भारत वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु योजना के माध्यम से समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रहा है। जलमार्ग और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी पर काम न केवल हरित परिवहन के मिशन को मजबूत करेगा, बल्कि देश की लॉजिस्टिक दक्षता में भी सुधार करेगा। आज देश में मेट्रो रेल सेवा 5 शहरों से बढ़कर 18 शहरों तक हो गई है जिससे निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करने में मदद मिली है । देश के रेलवे नेटवर्क के एक बड़े हिस्से का विद्युतीकरण कर दिया गया है। देश के हवाई अड्डों को भी तेजी से सौर ऊर्जा से बिजली उपयोग योग्य बनाया गया है। 50 से ज्यादा हवाईअड्डों पर सौर ऊर्जा का इस्तेमाल हो रहा है।

देश में गुजरात स्थित केवड़िया को एक इलेक्ट्रिक वाहन शहर के रूप में विकसित करने की परियोजना पर काम किया जा रहा है। सरकार प्रयास कर रही है कि भविष्य में केवड़िया में केवल बैटरी आधारित बसें, दोपहिया, चार पहिया वाहन ही चलें। देश में जल जीवन मिशन के माध्यम से जल संसाधनों के निर्माण और संरक्षण से लेकर जल संसाधनों के उपयोग तक समग्र दृष्टि से काम किया जा रहा है। वहीं अटल भूजल योजना और कैच द रेन जैसे अभियानों के जरिए भूजल स्तर को बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है।

मौसम वैज्ञानिक समरजीत चौधरी के मुताबिक 2021 में भारत में जलवायु परिवर्तन का असर साफ तौर पर देखने को मिला। इस साल मानसून सामान्य से काफी देरी से वापस गया। साथ ही पाला पड़ने की घटनों के चलते भारत के उत्तर और पूर्वी हिस्से में किसानों को काफी नुकसान हुआ। किसान समय से अपनी फसल काट भी नहीं पाए। वहीं अरब सागर में भी चक्रवाती तूफान दर्ज हुए। हालांकि अगर बारिश की बात करें तो इस साल पूरे भारत में अच्छी बारिश हुई। कई शहरों में तो सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। वहीं 2021 पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के लिहाज से पूरी दुनिया के लिए बेहद हम रहा। ग्लासगो में आयोजित 'वर्ल्ड लीडर समिट ऑफ कोप-26 में पूरी दुनिया ने बढ़ते तापमान पर चिंता जताई और विकसित और विकासशील सभी देशों ने जलवायु परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए अहम कदम उठाने की बात कही है।

जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनिया ने इस साल देखे कई बड़े बदलाव

मौसम में हुए बड़े बदलाव

संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी ने सितंबर में बताया कि मौसम की आपदाएं दुनिया को चार से पांच गुना अधिक बार मार रही हैं और 1970 के दशक की तुलना में सात गुना अधिक नुकसान पहुंचा रही हैं। 30 अगस्त, 2021 को तूफान इडा के बाद घरों में बाढ़ आ गई। अमेरिका ने शक्तिशाली तूफान और सूखे को देखा, वहीं यूरोप में कई बार बाढ़ और जंगल की आग की घटनाएं देखी गईं। पूरे ग्रह पर हीटवेव का असर भी देखा गया।

'इंसानियत के लिए कोड रेड'

अगस्त में, इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट प्रकाशित की, इसमें बताया गया कि ग्रह को मनुष्यों की क्षति "तथ्य का बयान" है। रिपोर्ट के लेखकों ने कहा कि अगले 20 सालों के भीतर पृथ्वी का तापमान लगभग 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा, पेरिस समझौते के तहत तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस कम करने का लक्ष्य

सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट के विशेषज्ञ विवेक चटोपाद्याय के मुताबिक 2021 देश के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण के लिहाज से बेहद खराब रहा। सर्दीयां शुरू होते ही देश के कई शहरों में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया। पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण एक गंभीर चुनौती बन कर उभरा है। हालांकि भारत सरकार वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु योजना पर काम कर रही है। वहीं राज्यों को भी इसके लिए नीति तैयार करने के लिए कहा गया है। ये देश में वायु प्रदूषण और हवा में पर्टिकुलेटेड मैटर कम करने के लिए बड़ा कदम होगा।

पर्यावरणविद डॉ. फैयाज खुदसर कहते हैं कोविड के चलते किए गए लॉकडाउन के दौरान प्रकृति ने ये दिखा दिया कि अगर इंसान पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए तो जलवायु को ठीक करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं करना होगा। लॉकडाउन में सभी ने साफ हवा, साफ आसमान और चिड़ियों की चेहचाहट का अनुभव किया होगा। लेकिन हालात सामान्य होने के साथ ही एक बार फिर से वायु प्रदूषण और पर्यावरण को नुकसान पहुंचना शुरू हो गया है। ग्लासगोव में हुए जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP26 में भी पूरी दुनिया ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर अच्छी चर्चा की। भारत सरकार नदियों को साफ करने, डॉलफिन के संरक्षण और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई सारे प्रयास कर रही है। लेकिन हमें इस बात को समझना होगा कि जैवविविधता ही पर्यावरण को बचाने का सबसे बेहतर माध्यम है। हमें अपने आसपास ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने पर जोर देना होगा। वहीं पेड़ लगाते समय इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि हम कहां पर और कैसे पौधे लगा रहे हैं। 2021 में पर्यावरण के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए गए हैं उम्मीद है कि 2022 में इन प्रयासों की गति और तेजी से बढ़ेगी।


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