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Year Ender 2019: भारतीय सेनाओं ने तब दिया था ऐसा जवाब कि सन्‍न रह गया पाकिस्‍तान

पाकिस्‍तान साल 2019 को कभी भूल नहीं पाएगा। ऐसा इसलिए क्‍योंकि भारतीय सेना ने इस साल उसे ऐसे सबक दिए हैं जिन्‍हें वह कभी भूल नहीं पाएगा। पढ़ें भारतीय सेनाओं के पाराक्रम की घटनाएं...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 08:03 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 10:29 AM (IST)
Year Ender 2019: भारतीय सेनाओं ने तब दिया था ऐसा जवाब कि सन्‍न रह गया पाकिस्‍तान
Year Ender 2019: भारतीय सेनाओं ने तब दिया था ऐसा जवाब कि सन्‍न रह गया पाकिस्‍तान

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। साल 2019 को पाकिस्‍तान की नापाक हरकतों के साथ ही भारतीय सेना द्वारा उसे सबक सिखाए जाने की घटनाओं के लिए भी जाना जाएगा। इस साल पाकिस्‍तान ने भारत में जब भी आतंकी वारदातों को अंजाम दिया या न‍ियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिशें की भारतीय सेना की ओर से उसे मुंहतोड़ जवाब दिया गया। यही नहीं भारतीय वायुसेना ने तो उसे बालाकोट में ऐसा सबक सिखाया जिसे वह कभी भूल नहीं पाएगा। आइये इस साल के समापन के मौके पर भारतीय सेनाओं के पराक्रम की उन घटनाओं पर एक नजर डालें जो इतिहास में जगह बना चुकी हैं।

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पाक की साजिश, पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवान शहीद

पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के एक काफिले पर आतंकियों ने हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। हमले को जैश के आत्मघाती दस्ते अफजल गुरु स्क्वाड के आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास ने अंजाम दिया था। उसने 320 किलो विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो को सीआरपीएफ काफिले में शामिल जवानों से भरी एक बस को टक्कर मारकर उड़ा दिया था। हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के बनिहाल में भी सीआरपीएफ के काफिले को कार बम से उड़ाने की साजिश रची गई थी। हालांकि, आतंकी इस हमले में भी सफल नहीं हो सके थे।

पाकिस्‍तान को करारा जवाब, बालाकोट में एयर स्‍ट्राइक

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत ने 26 फ़रवरी को पाकिस्तान में चरमपंथी संगठनों के ठिकानों को निशाने पर लिया था। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खैबर पख्‍तुनख्वा प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के कैंपों पर एयर स्‍ट्राइक करके देश के 40 जवानों की शहादत का बदला लिया था। भारत ने यह हमला 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों (Mirage 2000 fighter aircraft) से किया था। भारतीय वायुसेना के अनुसार, इस ऑपरेशन को महज 90 सेकेंड में अंजाम दिया गया था। रिपोर्टों के मुताबिक, वायुसेना की इस कार्रवाई में करीब 350 आतंकी मारे गए थे। इससे पहले 1971 के युद्ध में भारतीय सेना पाकिस्तान में घुसी थी। भारतीय वायुसेना के हमले से पाकिस्‍तान सन्‍न रह गया था।

एयर स्‍ट्राइक के दूसरे दिन पाक ने की थी गुस्‍ताखी, मिला था मुंहतोड़ जवाब

भारतीय वायुसेना की एयर स्‍ट्राइक से पाकिस्‍तान में खलबली मच गई थी। उसने 24 घंटे के भीतर ही एकबार फ‍िर हिमाकत की थी। उसने 27 फरवरी 2019 को अमेरिका से खरीदे गए एफ-16 विमानों से भारतीय सीमा में घुसपैठ की थी। उस वक्‍त भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्‍तानी एयरफोर्स के मंसूबों को नाकाम कर दिया था। भारतीय एयर फोर्स की 51वीं स्क्वाड्रन (51 Squadron) के जांबाज पायलट अभिनंदन वर्तमान (Abhinandan Varthaman) ने पाकिस्‍तानी विमानों का पीछा करते हुए उनमें से एक एफ-16 फाइटर प्लेन को मार गिराया था। हालांकि, इस कोशिश में वह सीमा पार करके पाकिस्‍तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे।

स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल ने कंट्रोल रूम से संभाली थी कमान

पाकिस्‍तानी क्षेत्र में भारतीय पायलट अभ‍िनंदन वर्तमान का मिग बाइसन विमान (MiG-21 Bison) क्रैश हो गया था। इसके बाद उन्‍हें पाकिस्‍तानी फौज के जवानों ने पकड़ लिया था। हालांकि, भारत के दबाव में पाकिस्‍तान ने उन्‍हें वापस लौटाया था। वायुसेना के मुताबिक, जिस समय अभ‍िनंदन अपने विमान से पाकिस्‍तानी विमानों का पीछा कर रहे थे। कंट्रोल रूम (601 Signal unit) में बैठीं स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल (Minty Agarwal) उन्‍हें निर्देश दे रही थीं। मालूम हो कि 601वीं सिग्नल यूनिट ने ही बालाकोट में 'ऑपरेशन बंदर' (Operation Bandar) को अंजाम देने वाले विमानों को भी निर्देश दिया था। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के पूर्व प्रमुख बीएस धनोआ (BS Dhanoa) की मानें तो एयरस्ट्राइक (Balakot Air Strike) के बाद भी वायुसेना पाकिस्‍तान पर हमले के लिए तैयार थी।

अक्‍टूबर में फिर नापाक हरकत

आतंकी हमलों और सीजफायर जैसी घटनाओं में हर बार मुंह की खाने के बावजूद पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता है। उसने अक्‍टूबर में फ‍िर नापाक हरकत की थी जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया था। यह घटना भी इतिहास में जगह बना चुकी है। जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने से बौखलाई पाकिस्‍तानी सेना ने 19 अक्‍टूबर को आकरण ही नियंत्रण रेखा पर उड़ी के टंगडार सेक्टर में भारी गोलीबारी की थी जिसमें भारतीय सेना के दो जवान पदम बहादुर श्रेष्ठ और गमिल कुमार श्रेष्ठ शहीद हो गए, जबकि एक नागरिक की मौत हो गई और तीन घायल हो गए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्‍तान को कभी न भूलने वाला जवाब दिया था।

ऐतिहासिक पराक्रम, आर्टिलरी गनों से PoK में उड़ाए आतंकी ठिकाने

इसके बाद भारतीय सेना ने 19-20 अक्‍टूबर की दरम्‍यानी रात को जवाबी कार्रवाई में गुलाम कश्मीर Pok में मौजूद आतंकवादी कैंपों पर ताबड़तोड़ हमले किए थे। भारतीय सेना ने Pok की नीलम और लीपा घाटी में आतंकियों के चार लांचिंग पैड को पूरी तरफ नष्‍ट कर दिया था। फौज ने इस कार्रवाई में अपनी आर्टिलरी और मल्टी बैरल राकेट लांचर पिनाका के साथ 77-बी बोफोर्स तोप का भी इस्तेमाल किया था। इस कार्रवाई में करीब 10 पाकिस्तानी सैनिकों और हिजबुल और जैश के 35 आतंकियों के मारे जाने की रिपोर्टें सामने आई थीं। बोफोर्स वही तोप है, जिसने कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान के सैनिकों को धूल चटाई थी। 

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