केंद्र के आश्वासन पर यमुना बचाओ आंदोलन स्थगित
यमुना की अविरल धारा के लिए आंदोलन कर रहे यमुना भक्तों को आखिरकार आश्वासनों को झोली में भर भारी मन से घर लौटना पड़ा। 120 किलोमीटर की पदयात्रा के बाद भी जिनके हौसले बुलंद थे, अब वह दर्द से कराह रहे थे। कदम कहां पड़ रहे हैं, कुछ होश नहीं।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। यमुना की अविरल धारा के लिए आंदोलन कर रहे यमुना भक्तों को आखिरकार आश्वासनों को झोली में भर भारी मन से घर लौटना पड़ा। 120 किलोमीटर की पदयात्रा के बाद भी जिनके हौसले बुलंद थे, अब वह दर्द से कराह रहे थे। कदम कहां पड़ रहे हैं, कुछ होश नहीं। जंतर-मंतर पर यमुना मुक्तिकरण अभियान के तहत चल रहा आंदोलन रविवार को केंद्र के आश्वासन के बाद स्थगित हो गया।
केंद्र सरकार की ओर से यमुना भक्तों को दो माह के भीतर यमुना में जल की एक निश्चित मात्रा को लेकर विधेयक लाने का आश्वासन दिया गया है। केंद्रीय संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 11 अनशनकारियों को पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया।
हालांकि, मंच से जब आंदोलन स्थगित करने का एलान हुआ तो कुछ के आंसू छलक पड़े, तो कुछ चिल्लाकर विरोध करने लगे। रविशंकर प्रसाद ने यमुना भक्तों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यमुना की सफाई को लेकर गंभीर हैं। जल्द ही पर्यावरण सुरक्षा कानून के तहत एक विधेयक लाकर यमुना में एक समान जल बने रहने की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने यमुना के किनारे समानांतर नाला बनाने समेत अन्य मामलों पर भी केंद्र द्वारा गंभीरतापूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। लेकिन हर बार केंद्र के आश्वासनों से ठगे जाते रहे यमुना भक्तों को उनकी बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था।