World Arthritis Day 2019 : बढ़ती उम्र के साथ रखना होगा शरीर के जोड़ों का भी ध्यान, वरना होगी मुश्किल
World Arthritis Day 2019 आज विश्व अर्थराइटिस दिवस है। एक समय के बाद शरीर के जोड़ों वाले अंगों में कमजोरी आनी लगती है। ऐसे में इस पर अधिक ध्यान देने की जरुरत होती है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। एक समय के बाद हर व्यक्ति के शरीर के तमाम जोड़ों में दर्द की शिकायत आने लगती है। कई बार ये दर्द बढ़ती उम्र के साथ होते है तो कई बार शारीरिक बनावट और मोटापे की वजह से जोड़ों में दर्द होता है। जोड़ों में दर्द होने की वजह से आम आदमी को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस तरह की बीमारियों के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए ही साल 1996 में 12 अक्टूबर के दिन विश्व गठिया दिवस (World Arthritis Day) की स्थापना की गई थी। आज फिर से वो दिन आ गया है। आज विश्व गठिया दिवस (World Arthritis Day)है।
इतिहास
अर्थराइटिस और रूमेटिजम इंटरनेशनल (एआरआई) ने गठिया और मस्कुलोस्केलेटल रोगों (आरएमडी) से पीड़ित लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इसकी स्थापना की थी। इस वजह से हर साल 12 अक्टूबर को इसे मनाया जाता है। रूमेटिजम के खिलाफ यूरोपीय लीग (ईयूएलआर) ने वर्ष 2017 में 'देर न करें, आज ही संपर्क करें’ विषय की शुरूआत की थी।
गठिया क्या है?
गठिया शब्द का वास्तविक मतलब जोड़ों की सूजन है। सार्वजनिक स्वास्थ्य में संधिशोथ और रुमेटी स्थितियों के लिए संक्षिप्त में गठिया शब्द का उपयोग किया जाता है। ये शरीर के अलग-अलग हिस्सों में जोड़ो में होता है। जोड़ों में गठिया के लक्षण सूजन, दर्द, जकड़न और सामान्य गतिविधियों में होने वाली कमी हो जाना हैं। जोड़ों (ज्वाइंट्स) को निशाने पर लेने वाली बीमारी अर्थराइटिस के मरीजों की संख्या दुनिया भर में बढ़ती जा रही है। ऑस्टियो अर्थराइटिस एक आम प्रकार का घुटनों का अर्थराइटिस होता है और इसे जोड़ों का रोग भी कहा जाता है। अर्थराइटिस का दर्द इतना तेज होता है कि व्यक्ति को न केवल चलने–फिरने बल्कि घुटनों को मोड़ने में भी बहुत परेशानी होती है। घुटनों में दर्द होने के साथ–साथ दर्द के स्थान पर सूजन भी आ जाती है।
बेहतर है बचाव
अर्थराइटिस अनेक प्रकार का होता हैं, जैसे ऑस्टियो, र्यूमैटॉइड और गाउटी अर्थराइटिस आदि। कुछ सुझावों पर अमल कर आप अर्थराइटिस की समस्या से राहत पा सकते हैं। बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों के कार्टिलेज क्षीण हो जाते हैं। उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कोई रोक नहीं सकता है ऑस्टियो अर्थराइटिस बढ़ती उम्र यानी आमतौर पर लगभग 50 साल के बाद होने वाली समस्या है। इस समस्या से पार पाने के लिए वजन को नियंत्रित रखना आवश्यक है।
आर्थराइटिस के लक्षण
- घुटनों और जोड़ों में दर्द होता रहता है
- शरीर में अकसर अकड़न बनी रहती है
- भारतीय शौचालय में बैठने पर में परेशानी
- सुबह-सुबह जोड़ों में अकड़न व चलने, चौकड़ी मार कर बैठने में परेशानी
- पैर चलाने, हाथों को हिलाने और ज्वाइंट्स हिलाने में काफी तकलीफ और दर्द का सामना करना होता है
दर्द से राहत पहुंचाने वाले घरेलू नुस्खे
- शरीर में पानी की मात्रा संतुलित रखें
- दर्द के समय आप सन बाथ ले सकते हैं
- लाल तेल से मालिश करना भी आरामदायक होता है
- गर्म दूध में हल्दी मिलाकर दिन में दो से तीन बार पीयें
- सोने से पहले दर्द से प्रभावित क्षेत्र पर गर्म सिरके से मालिश करें
- 5 से 10 ग्राम मेथी के दानों का चूर्ण बनाकर सुबह पानी के साथ लें
- 4 से 5 लहसुन की कलियों को एक पाव दूध में डालकर उबालकर पीयें
- लहसुन के रस को कपूर में मिलाकर मालिश करने से भी दर्द से राहत मिलती है
- लेटकर टीवी नहीं देखना चाहिए
- कैल्शियम व विटामिन-डी युक्त खुराक का इस्तेमाल करें
- नरम गद्दों के बजाय रूई के गद्दों का इस्तेमाल करें
- साइकिल, तैराकी, तेज चाल के साथ चलें
- चलने-फिरने और बैठने की मुद्राएं (पोस्चर्स) सही होना चाहिए
- अगर वजन उठाना हो तो बजाय कमर से झुकने के घुटनों से झुक कर वजन को उठाना चाहिए
- दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, खजूर, बादाम, मशरूम तथा समुद्री फूड को खाने में शामिल करें
- कभी कभी उल्टे कदम भी चल लेना चाहिए