लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ में फंसे हैं बंगाल, ओडिशा, बिहार और एमपी के मजदूर
एनाकुर्लम एक्सप्रेस से पहुंचे करीब 200 मजदूरों को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर झारखंड भेज दिया गया था।
बिलासपुर, राज्य ब्यूरो। एनाकुर्लम एक्सप्रेस से पहुंचे करीब 200 मजदूरों को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर मंगलवार को झारखंड भेज दिया गया था, मगर इसी ट्रेन से आए 112 मजदूर अब भी बिलासपुर में फंसे हुए हैं। लॉकडाउन के कारण बंगाल, ओडिशा, बिहार और मध्य प्रदेश की सरकारें अपने यहां के मजदूरों को लेने के लिए तैयार नहीं हैं, जबकि बिलासपुर में सभी की जांच हो चुकी है। अभी 72 मजदूरों को व्यापार विहार स्थित त्रिवेणी भवन और 40 को रेल सांस्कृतिक निकेतन भवन में ठहराया गया है। इनके खाने-पीने से लेकर तमाम व्यवस्थाएं नगर निगम व रेल प्रशासन कर रहा है।
हेमंत सोरेन ने की झारखंड के मजदूरों को भिजवाने की मांग
सोमवार की देर रात मजदूर ट्रेन से बिलासपुर स्टेशन पहुंचे थे। इनमें से 139 झारखंड के थे। वहां के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भूपेश बघेल से मजदूरों को भिजवाने की मांग की। इसके बाद मंगलवार को उन्हें दो बस से रवाना कर दिया गया। इनके साथ कुछ और मजदूर भी गए थे। बंगाल, ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश के मजदूरों को भेजने के लिए प्रशासन तैयार है, लेकिन वहां की राज्य सरकारें तैयार नहीं हो रही हैं। इसकी वजह लॉकडाउन को बताया गया है।
लॉकडाउन का हवाला देकर राज्य सरकारें अपने यहां के मजदूरों को लेने से मना कर रही हैं
हमने मजदूरों को भेजने के लिए बस की व्यवस्था कर ली थी। संबंधित राज्य सरकारें लॉकडाउन की हवाला देकर अपने यहां के मजदूरों को लेने से मना कर रही हैं। इसलिए बिलासपुर में ही इन्हें ठहराया गया है- देवेंद्र पटेल, एसडीएम, बिलासपुर।
अखबार से कोरोना वायरस नहीं फैलता
अखबार से कोरोना वायरस नहीं फैलता। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी कहा है कि अखबार से कोरोना वायरस नहीं फैलता। अखबार पढ़ना पूरी तरह सुरक्षित है। अखबार से ही हमें सूचनाएं मिलती हैं और अखबार हमारी भावनाओं के प्रकटीकरण का भी माध्यम है। आप निश्चिंत होकर अखबार पढ़ सकते हैं।' ये बातें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन 'नईदुनिया' से एक खास बातचीत में कही। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सकों द्वारा भी यह बताया गया है कि अखबार से किसी तरह के वायरस फैलने का खतरा नहीं है। इसलिए, ऐसी कोई अफवाह समाज में न फैलाई जाए। केंद्र सरकार भी समय-समय पर इसके लिए निर्देश जारी कर रही है।