छत्तीसगढ़: सुदूर गांव में लोगों के इलाज के लिए पहुंची दो महिला हेल्थ वर्कर, तय किया जंगल के बीच 10 किमी का रास्ता
Chhattisgarh News छत्तीसगांव के बलरामपुर जिले में आने वाले एक गांव झलवावा में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच नहीं है। वहां के लोगों के हेल्थ चेकअप के लिए महिला हेल्थ वर्कर दस किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय करती हैं।
बलरामपुर, एएनआइ। दो महिला हेल्थ वर्कर अपनी टीम के साथ जंगलों व पहाड़ों के बीच से 10 किलोमीटर की दूरी तय कर एक आदिवासी बहुल गांव झलवासा में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने को जाती हैं। यह गांव छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में है। दरअसल उस गांव में स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी सुविधाएं नहीं हैं। जिला प्रशासन गांव में स्वास्थ्य शिविर (health camps) का आयोजन करते हैं। ये शिविर स्वास्थ्य विभाग और महिला व बाल विकास विभाग की संयुक्त टीम आयोजित करती है।
#WATCH | Health department workers are crossing dense forests to set up healthcare camps in several villages of Chhattisgarh's Balrampur pic.twitter.com/0URwaPR5D3
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 22, 2022
झलवासा (Jhalwasa) पहुंचने के लिए पहाड़ व जंगल के बीच से 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। यह गांव सबग ग्राम पंचायत (Sabag Gram Panchayat) में आता है। इस गांव में करीब 28 परिवार रहते हैं जिसमें से 20 पिछड़ी जनजाति के हैं। इस टीम में दो महिला स्वास्थ्य कर्मी हाल्मी तिर्की (Halmi Tirkey) और सुचिता सिंह (Suchita Singh) हैं। यहां के एक अधिकारी ने बताया, 'अनेकों गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाते हैं। आंगनवाड़ी के वर्कर घने जंगल में बसे इस गांव में लोगों का इलाज करने के लिए जाते हैं। ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर समेत सभी तरह की बीमारियों का चेकअप किया जाता है।'
बलरामपुर जिला प्रशासन ने बताया कि कई गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घने जंगलों को पार कर लोगों का इलाज कर रही हैं। बलरामपुर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि हमारे स्वास्थ्यकर्मी घने जंगलों को पार कर गांव तक पहुंचे हैं। उन्होंने आगे बताया कि एक झलवासा गांव है, जो सबसे अंदर है। गांव तक पहुंचने के लिए लगभग 10 किमी लंबा ट्रेक है। कल हमारी टीम वहां गई थी। दो एएनएम-हल्मी और सुचिता ने वहां पहुंचे और लोगों की जांच करने के लिए बहुंत अच्छा काम किया है। पूरे जिले में हम ऐसे कई शिविर आयोजित कर रहे हैं।