खुले में शौच करने गई महिला पर बाघ ने किया हमला, शव के किए तीन टुकड़े
सवाईमाधोपुर जिले के कुंडेरा गांव में शनिवार सुबह बाघ ने खुले में शौच करने गई एक महिला पर हमला कर दिया।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में सवाईमाधोपुर जिले के कुंडेरा गांव में शनिवार सुबह बाघ ने खुले में शौच करने गई एक महिला पर हमला कर दिया। बाघ ने महिला के शरीर के तीन टुकड़े कर दिए। महिला का शव क्षत-विक्षत हालत में खेत में पड़ा हुआ मिला। कुंडेरा गांव रणथम्भौर सेंचुरी की सीमा पर ही बसा है। जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह छह बजे कुंडेरा गांव निवासी मुन्नी देवी खुले में शौच करने गई थी ।
शव के किए तीन टुकड़े
इस दौरान खेत में बैठे बाघ ने उस पर हमला कर दिया। उसने महिला के तीन टुकड़े कर दिए। महिला का सिर, धड़ और पैर अलग-अलग मिले। इस घटना से आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई । घटना की जानकारी आसपास के ग्रामीणों को सुबह करीब आठ बजे मिली तो उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को सूचना दी । करीब एक घंटे बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तब तक बाघ वहां से जा चुका था। उसके पग मार्क मिले हैं। वन विभाग की टीम उसकी लोकेशन तलाश रही है। ग्रामीणों के अनुसार, टाइगर आसपास के खेतों में ही छिपा है।
20 लाख रुपये मुआवजा और नौकरी की मांग
घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर ही शव का पोस्टमार्टम करने की मांग की। इसके साथ ही महिला के परिजनों को 20 लाख रुपये और एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग की। इस दौरान उन्होंने हंगामा भी किया। उपजिला कलेक्टर लक्ष्मीकांत कटारा, डीएफओ मुकेश सैनी, एसीएफ संजीव शर्मा, कोतवाल प्रमोद शर्मा ने करीब दो घंटे की समझाइश के बाद ग्रामीण माने और पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
खुले में शौच रोकने के लिए चल रही हैं योजनाएं
बता दें कि केंद्र सरकार खुले में शौच को रोकने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। इसके अलावा जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकिन फिर भी गांवों में अधिकतर लोग खुले में शौच करने जाते हैं। इसकी कई वजहें हो सकती हैं लेकिन हकीकत यही है कि सरकार गांवों में जागरुकता अभियान का कोई खास असर नहीं दिखा है।
अभी हाल में ही केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि गंगा से लगे 97 कस्बे मार्च, 2019 तक खुले में शौच के अभिशाप से पूर्णत: मुक्त हो जाएंगे। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2019' के तहत गंगा किनारे के इन 97 शहरों को विशेष श्रेणी में पुरस्कार देने की भी घोषणा की है। उन्होंने बताया कि गंगा नदी वाले सभी शहरों को युद्धस्तर पर वैज्ञानिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लागू करने का निर्देश दिया गया है।