हिंदी नहीं बन पा रही यूएन की आधिकारिक भाषा, जानिए क्या है वजह
ऐसा नहीं है कि यह समस्या सिर्फ हिंदी के साथ है, इसके पहले जापानी और जर्मन भाषा को आधिकारिक दर्जा दिलाने में भी यही समस्या आई थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने विदेशी भाषाओं को शामिल करने को लेकर एक ऐसा नियम बना दिया है जिसकी वजह से हिंदी को वहां आधिकारिक दर्जा नहीं मिल पा रहा है। यह नियम है कि जो देश हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के पक्ष में वोट करेंगे वे बाद में इसे लागू करने में आने वाली लागत को भी उठाएंगे। ऐसे में कई देश हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के भारतीय प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यह समस्या सिर्फ हिंदी के साथ है, इसके पहले जापानी और जर्मन भाषा को आधिकारिक दर्जा दिलाने में भी यही समस्या आई थी। यह जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्रालय की तरफ से विश्व हिंदी दिवस पर आयोजित एक बेहद गौरवशाली कार्यक्रम में दी।
स्वराज ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के उक्त नियम में बदलाव के लिए भारत कोशिश कर रहा है। भारत की कोशिश यह है कि इस नियम को बदल कर ऐसा कर दिया जाए कि भारत ही हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाये जाने पर आने वाले सभी खर्चे का भार वहन करे। भारत के लिए हिंदी के पक्ष में यूएन के दो तिहाई (129 देशों) का समर्थन हासिल करना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन कई देश लागत को वहन करने से हिचक जाते हैं। स्वराज ने अपनी सरकार के कार्यकाल में हिंदी को अंतरराष्ट्रीय पटल पर उचित स्थान दिलाने की कोशिश का लेखा जोखा भी पेश किया।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश से मारीशस में विश्व हिंदी सचिवालय का अपना भवन बन गया है और सुचारू रूप से काम कर रहा है। दूसरी सफलता यह है कि संयुक्त राष्ट्र की तरफ से अब सप्ताह में एक बार हिंदी में दस मिनट समाचार जारी हो रहा है। अगर श्रोताओं की संख्या बढ़ी तो यूएन इसे हफ्ते में तीन बार और बाद में रोजाना भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय हिंदी की सभी बहनों को प्रचारित व प्रसारित करने के लिए कई कार्यक्रम चला रहा है।
विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर विदेश मंत्रालय की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय हिंदी संस्थान और महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय के देशी-विदेशी छात्र-छात्राओं ने हिंदी में शानदार प्रस्तुति दी। इस अवसर पर विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह और गृह राज्य मंत्री किरण रीजीजू भी उपस्थित थे।