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WHO Report: धूम्रपान करने वालों की संख्या में पहली बार आई कमी, जाने किसने मारी बाजी

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक धूम्रपान करने वालों की संख्‍या में पहली बार कमी देखी गई है। दुनिया में हर साल तंबाकू के सेवन से 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 05:45 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 05:51 PM (IST)
WHO Report: धूम्रपान करने वालों की संख्या में पहली बार आई कमी, जाने किसने मारी बाजी
WHO Report: धूम्रपान करने वालों की संख्या में पहली बार आई कमी, जाने किसने मारी बाजी

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। पहली बार धूमपान करने वाले और तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले पुरुषों की संख्या में लगातार होती वृद्धि पर काबू पाया गया है। बृहस्‍पतिवार को जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में महामारी बनती इस समस्या के लिए तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या में कमी के रूप में अहम पड़ाव है। दुनिया में धूमपान करने वालों की संख्या में यह बदलाव सरकारों के उन प्रयासों का नतीजा है जिसके तहत वे जीवन बचा रही हैं, स्वास्थ्य को सुरक्षित रख रही हैं और तंबाकू को पराजित कर रही हैं।

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हर साल 80 लाख लोगों की हो जाती है मौत

दुनिया में हर साल तंबाकू के सेवन (परोक्ष रूप से) से 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है जबकि तंबाकू के प्रत्यक्ष इस्तेमाल से 70 लाख लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं। वहीं 12 लाख लोगों की मौत पैसिव स्‍मोकिंग से होती है। यानी ये लोग धूमपान नहीं करते लेकिन किसी धूमपान करने वाले से प्रभावित होते हैं।

कम हुए सेवन करने वाले

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार साल 2000 की तुलना की दुनिया में तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले या धूमपान करने वालों की संख्या 2018 में छह करोड़ कम रही। 2000 में दुनिया भर में 1.397 अरब लोग तंबाकू का सेवन करते थे। 18 साल बाद यानी अब यह संख्या कम होकर 1.337 अरब हो गई है।

महिलाओं ने बाजी मारी

धूमपान करने वाली महिलाओं की संख्या में कमी साल 2000 में ही दिख गई थी। इस साल इनकी संख्या में 34.60 करोड़ कमी दिखी जो 2018 में 24.4 करोड़ रही। इसी दौरान तंबाकू का सेवन करने वाले पुरुषों की संख्या में चार करोड़ (1.05 अरब से बढ़कर 1.093 अरब) का इजाफा दिखा।

तेज गिरावट का अनुमान

रिपोर्ट के अनुसार धूमपान करने वाले पुरुषों की संख्या में तेज गिरावट का अनुमान है। 2020 तक इनकी (पुरुष और महिलाएं) संख्या में 2018 के मुकाबले एक करोड़ की कमी आ सकती है। 2025 तक इस संख्या में 2.7 करोड़ की और कमी दिख सकती है।

खतरनाक असर

तंबाकू के प्रत्‍यक्ष या परोक्ष सेवन से फेफड़े का कैंसर, सांस संबंधी अन्य दिक्कतें, मुंह, गला और अन्य तरह के कैंसर की बीमारियां होती है। यही नहीं तंबाकू स्ट्रोक और हृदय संबंधी रोगों के लिए भी प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। लोग सिगरेट, पाइप, सिगार, वाटरपाइप, बीड़ी और चुरट के रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं।

भारतीय महिलाओं में धुंआरहित तंबाकू खात्मे की ओर

रिपोर्ट के अनुसार कभी ऐसा भी समय था जब करीब हर भारतीय महिला धुंआरहित तंबाकू का सेवन करती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह सिर्फ बुजुर्ग महिलाओं तक ही सीमित होती जा रही है। युवा आबादी इससे दूरी बनाने लगी है। ऐसा लगता है कि ये प्रथा खात्मे की ओर है।

डब्ल्यूएचओ ने बताई बड़ी उपलब्धि

डब्ल्यूएचओ में तंबाकू नियंत्रण इकाई के प्रमुख विनायक प्रसाद ने कहा कि कम संख्या में लोगों का तंबाकू सेवन करना वैश्विक रूप से जन स्वास्थ्य को लेकर बड़ी उपलब्धि सरीखा है। अभी हाल ही में अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने अध्‍ययन में पाया था कि तंबाकू सेवन को नियंत्रित करने के बाद भी ई-सिगरेट का इस्तेमाल करने वालों में फेफड़ों के रोग का खतरा करीब तीन गुना ज्यादा होता है। 


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