WHO ने कोरोना वेरिएंट्स का अल्फा, बीटा, गामा से किया नामकरण, जानें क्या है भारत में मिले वायरस का नाम
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि भारत में पहली बार मिले कोरोना वायरस के B.1.617.2 वेरिएंट को डेल्टा (Delta) के नाम से जाना जाएगा तो यहां मिले एक अन्य वेरिएंट B.1.617.1 को कप्पा नाम से जाना जाएगा।
जेनेवा, एएनआइ। भारत में पहली बार पहचाने गए कोरोना के वैरिएंट बी.1.617.1 और बी.1.617.2 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने क्रमश: 'कप्पा' और 'डेल्टा' नाम दिया है। यह जानकारी सोमवार को डब्ल्यूएचओ की ओर से दी गई। उल्लेखनीय है कप्पा और डेल्टा ग्रीक वर्णमाला के अक्षर हैं।
डब्ल्यूएचओ ने इस आधार पर दुनिया के दूसरे देशों में मिले वेरिएंट्स का भी नामकरण किया है। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट को देशों के नाम के साथ जोड़ने को लेकर विवाद हो रहा था। B.1.617.2 वेरिएंट को इंडियन कहे जाने पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी।
Labelled using Greek alphabets, World Health Organisation (WHO) announces new labels for Covid variants of concern (VOC) & interest (VOC).
Covid variant first found in India will be referred to as 'Delta' while earlier found variant in the country will be known as 'Kappa' pic.twitter.com/VIEVWBGryC— ANI (@ANI) May 31, 2021
एक बयान में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा बुलाए गए एक विशेषज्ञ समूह ने ग्रीक वर्णमाला, यानी अल्फा, बीटा, गामा आदि अक्षरों का उपयोग करके नामकरण की सिफारिश की। यह प्रयास गैर-वैज्ञानिक लोगों द्वारा चर्चा को आसान और अधिक व्यावहारिक बनाएगा।बयान में कहा गया कि सार्स सीओवी 2 की लाइनेज वाले वैरिएंट की पहचान के लिए जीआइएसएआइडी (ग्लोबल इनीशिएटिव आन शेयरिंग आल इनफ्लुएंजा डाटा), नेक्स्टस्ट्रेन और पैंगो द्वारा स्थापित नामकरण प्रणाली उपयोग में बनी रहेगी।
सितंबर 2020 में यूके में सबसे पहले पाए गए कोरोना वायरस के B.1.1.7 वेरिएंट को अल्फा नाम दिया गया है, तो दक्षिण अफ्रीका में मिले B.1.351 को बीटा नाम से जाना जाएगा। नवंबर 2020 में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाए गए P.1 वेरिएंट को अब गामा नाम से पुकारा जाएगा।
इसी तरह मार्च 2020 में अमेरिका में मिले वेरिएंट B.1.427/B.1.429 को एपलिसन, अप्रैल 2020 में ब्राजील में पाए गए P.2 को जीटा, कई देशों में मिले B.1.525 वेरिएंट को ईटा, फिलिपींस में मिले P.3 को थीटा, नंवबर 2020 में अमेरिका में मिले B.1.526 को लोटा नाम से जाना जाएगा।
WHO में कोविड-19 के तकनीकी प्रमुख डॉ मारिया वान केरखोव ने कहा कि नए नाम मौजूदा वैज्ञानिक नामों को प्रतिस्थापित नहीं करते हैं, जो महत्वपूर्ण वैज्ञानिक जानकारी देते हैं और अनुसंधान में उपयोग किए जाते रहेंगे। साथ ही यह भी कहा कि किसी भी देश को कोविड के प्रकारों का पता लगाने और रिपोर्ट करने के लिए कलंकित नहीं किया जाना चाहिए।
WHO को अब ज्यादा शक्तियां देने की तैयारी
कोविड-19 महामारी से मुकाबले के लिए जूझ रहा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) अपनी संरचना में बदलाव के सुझावों पर विचार के लिए तैयार हो गया है। महामारी से निपटने को लेकर विवादों में आए डब्ल्यूएचओ की संरचना में बदलाव के लिए ये सुझाव स्वतंत्र विशेषज्ञों ने दिए हैं। इन सुझावों में संगठन को ज्यादा शक्तियां देने की सिफारिश की गई है। संरचना और समझौते की शर्तो में बदलाव के लिए प्रस्ताव यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने पेश किया था। भारत समेत ज्यादातर सदस्य देशों ने प्रस्ताव पर सहमति जताई है।
कोविड के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस से अभी तक 17 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके है और इनमें से लगभग 37 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। डब्ल्यूएचओ के 194 सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्री 29 नवंबर को बैठक करके तय करेंगे कि संगठन का ढांचा किस तरह से प्रभावी बनाया जाए जो भविष्य में किसी अन्य महामारी के आने पर सक्षम तरीके से उसका सामना कर सके।