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भारत में आतंकियों के लिए फंडिंग करता था मुजाहिद्दीन का ‘सिद्दीबापा’

इंडियन मुजाहिद्दीन के सीनियर सदस्‍यों में से एक अब्‍दुल वाहिद सिद्दीबापा दुबई में कई बिजनेस चलाता था और इसके आड़ में ही भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए धन के जुगाड़ व अन्‍य कामों को अंजाम देता था।

By Monika minalEdited By: Published: Sat, 21 May 2016 01:20 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2016 05:11 PM (IST)
भारत में आतंकियों के लिए फंडिंग करता था मुजाहिद्दीन का ‘सिद्दीबापा’

नई दिल्ली। भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टर माइंड और व इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) का सीनियर मेंबर अब्दुल वाहिद सिद्दीबापा के बारे में गुप्त सूचना मिलते ही भारत में एनआइए टीम ने उसे शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। पाकिस्तान में लंबे समय से रह रहे आइएम फाउंडर सदस्यों रियाज व इकबाल भटकल का रिश्तेदार वाहिद भी भारत के कर्नाटक का रहने वाला है।

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डेली मेल के अनुसार, सिद्दीबापा मोहाद्दीन का बेटा अब्दुल वाहिद सिद्दीबापा कर्नाटक के भटकल शहर स्थित मकदूम कॉलोनो का रहने वाला है। कहा जाता है कि यह इंडियन मुजाहिद्दिन के चीफ यासिन भटकल का दूर का रिश्तेदार भी है। यासिन भटकल अभी जेल में है।

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वाहिद के दुबई में छिपे होने का खुलासा पहली बार यासिन भटकल की नेपाल में गिरफ्तारी के बाद हुआ था। इसके बाद एनआइए ने वाहिद के खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी कराया। भारतीय एजेंसियों की निशानदेही पर वाहिद को फरवरी 2014 में ही दुबई में हिरासत में ले लिया गया था। लेकिन छद्म नाम से रह रहा वाहिद अपनी असली पहचान से साफ इनकार करता रहा। भारतीय एजेंसियों की ओर उसकी असली पहचान और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के पुख्ता सबूत होने के बाद दुबई ने उसे भारत भेज दिया।

मुंबई ट्रेन धमाकों का मास्टर माइंड

अब्दुल वाहिद सिद्दीबापा 2006 के मुंबई सिलसिलेवार ट्रेन धमाकों का मास्टर माइंड था। ऐसा मानना है कि वह इंडियन मुजाहिद्दीन का मूल स्पांसर है।

मुबई आतंकी हमले के बाद उसे हिरासत में लिया गया था और बाद में उसे छोड़ दिया गया क्योंकि उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले। उसकी रिहाई के बाद वह वापिस अपने उन्हीं आतंकी गतिविधियों में लिप्त हो गया था जिसका टार्गेट भारत था। सूत्रों ने कहा, उसकी वापसी से ऐसा मालूम हुआ कि इंटेलीजेंस एजेंसी उसके लिए जाल नहीं बिछा सके और सबूत की अनुपस्थिति में उसे आजादी मिल गयी।

दुबई में अनेकों बिजनेस चलाता है सिद्दीबापा

एक अन्य इंडियन मुजाहिद्दीन सदस्य, यासीन भटकल जो 2013 में गिरफ्तार हुआ था ने सिद्दीबापा तक पहुंचने का रास्ता दिखा दिया जिसके बाद वह भारत के आतंक विरोधी एजेंसी के रडार पर आ गया। दुबई में सिद्दीबापा के कई बिजनेस चलते हैं। इन्हीं बिजनेस की आड़ में उसकी आतंकी गतिविधियां सुरक्षित तरीके से जारी है। यासिन मामले में एनआइए के इंवेस्टीगेशन से भटकल और पाकिस्तान के आइएसआइ बीच लिंक स्थापित हुआ है। पाकिस्तानी आइएसआइ ही इन आतंकी गतिविधियों के लिए उन्हें अनुमति देती है।

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पाकिस्तान में रियाज भटबल और यासिन भटकल से वाहिद की करीबी रही है। इनके बीच परिस्थितियों, फंडिंग और नये रिक्रूटमेंट के लिए बातचीत होती रहती है। यासिन की गिरफ्तारी के बाद एजेंसियों को इनके इमेल चैट का एक्सेस पाने में सफलता मिली है।

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भारत में आतंकी गतिविधियों को देता है समर्थन

एनआइए ने बताया, ‘इंडियन मुजाहिद्दीन के लिए नये सदस्यों की नियुक्ति करने में अब्दुल वाहिद भी शामिल था। संगठन को चलाने व भारत में आतंकी कार्यवाहियों के लिए फंड इकट्ठा करने में उसकी मुख्य भूमिका थी। वह इंडियन मुजाहिद्दिन का सबसे पुराने और सीनियर सदस्यों में से एक है।‘ दिसंबर 2013 में इसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था और उसने दुबई से आतंकियों के लिए फंड का इंतजाम किया था। शुक्रवार को उसे स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे सात दिन के हिरासत पर भेज दिया गया।

पाकिस्तान में भटकल भाइयों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने और उसे समर्थन देने वाले पाकिस्तानी एजेंसियों के बाबत उससे पूछताछ की जाएगी।

दुबई से ही आतंकी कारनामों को देता था अंजाम

एनआइए ने इंडियन मुजाहिद्दिन के सीनियर सदस्य अब्दुल वाहिद सिद्दीबापा को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया।

भारत में विभिन्न जगहों पर आतंकी हमलों के लिए वांटेड सिद्दीबापा दुबई में था और यह भारत में इंडियन मुजाहिद्दीन संगठन के लिए रिक्रूटमेंट तो करता ही था साथ ही दुबई से ही उनके गतिविधियों के लिए फंड भी देता था। दुबई से निकाले जाने के बाद अब्दुल वाहिद को दिल्ली के एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया।

वाहिद के खिलाफ इंटरपोल के द्वारा जारी किए गए रेड कॉर्नर नोटिस में कहा गया है कि वह जुलाई 2006 में हुए मुंबई सीरियल ब्लास्ट, 2008 के दिल्ली ब्लास्ट और बेंगलुरू में 2010 चिन्नास्वामी स्टेडियम ब्लास्ट के लिए वह वांटेड है।

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वाहिद पर डॉजियर के अनुसार, 32 वर्षीय आतंकी पर आरोप है कि यह रियाज और इकबाल भटकल को भारत में आतंकी हमलों के लिए पैसे भेजा करता था।


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