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जानें- बाजार में आने की प्रक्रिया में कोविड-19 की कौन सी वैक्‍सीन है सबसे आगे, हो रहा है आकलन

बाजार में आने से पहले कोविड-19 की कुछ वैक्‍सीन प्रक्रिया के दौर से गुजर रही हैं। बाजार में आने से पहले इनके अंतिम चरण के ट्रायल से मिले परिणामों का विश्‍लेषण किया जाएगा। इसके बाद ही किसी को इजाजत मिलेगी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 09:33 AM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 09:33 AM (IST)
जानें- बाजार में आने की प्रक्रिया में कोविड-19 की कौन सी वैक्‍सीन है सबसे आगे, हो रहा है आकलन
बाजार में आने से पहले कोविड-19 की कुछ वैक्‍सीन प्रक्रिया के दौर से गुजर रही हैं। (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर रहीं कंपनियों ने अपने उत्पाद की विशेषताओं को तो सार्वजनिक कर दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि वैक्सीन लोगों तक कब पहुंचेगी। दरअसल, परीक्षण के अंतिम दौर की समाप्ति के बाद भी वैक्सीन सीधे बाजार में उपलब्ध नहीं होने जा रहीं। इससे पहले वैक्सीन के प्रभाव व सुरक्षा संबंधी आंकड़ों का स्वास्थ्य नियामकों द्वारा विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद ही निर्माताओं को बाजार में वैक्सीन उतारने की अनुमति दी जाएगी। आइए जानते हैं कि निर्माण और नियमन की प्रक्रिया में कौन सी वैक्सीन कहां तक पहुंच पाई है..

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सबसे आगे कौन

मॉडर्ना अमेरिका की दूसरी दवा निर्माता कंपनी है, जिसने अंतरिम आंकड़ों के साथ दावा किया है कि उसकी वैक्सीन परीक्षण के दौरान 94.5 फीसद तक कारगर पाई गई। एक सप्ताह पहले फाइजर और जर्मन साझेदार बायोएनटेक ने अंतरिम आंकड़े जारी करते हुए दावा किया था कि उनकी वैक्सीन कोविड-19 को रोकने में 90 फीसद से भी ज्यादा कारगर है। 11 नवंबर को रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-5 के अंतिम दौर के अंतरिम परिणाम सार्वजनिक करते हुए दावा किया गया था कि वह 92 फीसद से ज्यादा कारगर है। संभावना है कि एस्ट्राजेनेका व ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी नवंबर के आखिर या दिसंबर में अपनी वैक्सीन का ब्योरा साझा करें, जबकि जॉनसन एंड जॉनसन भी इस साल के अंत तक आंकड़े जारी कर सकती है।

(फाइल फोटो- स्‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍पुतनिक-5)

परीक्षण की प्रक्रिया

कंपनियां परीक्षण में वैक्सीन के प्रभाव का आकलन कर रही हैं। वे स्वस्थ प्रतिभागियों में से कुछ को वैक्सीन लगा रही हैं, जबकि कुछ में वैक्सीन की डमी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बाद कोरोना संक्रमण व वैक्सीन के प्रभाव का आकलन किया जा रहा।

रिलीज में देर क्यों

परीक्षण इस बात पर निर्भर करता है कि इसमें शामिल व्यक्ति को प्राकृतिक तौर पर कितने दिनों में कोरोना संक्रमण होता है। परीक्षण की शुरुआत में संक्रमण दर कम थी। अक्टूबर व नवंबर में दुनिया भर में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद परीक्षण में शामिल प्रतिभागी तेजी से संक्रमित हुए। मॉडर्ना ने 95, फाइजर ने 94 व स्पुतनिक-5 ने 20 लोगों में कोविड-19 होने के बाद इसका आंतरिक विश्लेषण किया।

प्रभाव के मानक

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ चाहता है कि परीक्षण के दौरान वैक्सीन कम से कम 70 फीसद प्रभावी हो। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) 50 फीसद प्रभाव को अनिवार्य मानता है। हालांकि, यूरोपीय मेडिसिंस एजेंसी कह चुकी है कि वह इससे कम प्रभाव वाली वैक्सीन को भी स्वीकार कर लेगी।

नियामक एजेंसियां कर रहीं विचार

मॉडर्ना व फाइजर सुरक्षा संबंधी पर्याप्त आकंड़ा उपलब्ध होने के बाद आगामी सप्ताह में अमेरिका में वैक्सीन के आपतकालीन इस्तेमाल के लिए आवेदन दे सकती हैं। एफडीए ने कंपनियों को कहा है कि वे वैक्सीन लेने वाले प्रतिभागियों पर आगामी दो महीने तक नजर रखें। यूरोप, ब्रिटेन व कनाडा में कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का अध्ययन किया जा रहा है।

ये वैक्सीन भी हैं दौड़ में

चीन जुलाई में ही आपातकालीन प्रयोग के लिए वैक्सीन लांच कर चुका है। चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप (सीएनबीजी), कैनसाइनो बायोलॉजिक्स व साइनोवैक समेत चार चीनी कंपनियों की वैक्सीन परीक्षण में काफी आगे हैं। साइनोवैक व सीएनबीजी परीक्षण आंकड़े इस माह के अंत तक सार्वजनिक कर सकती हैं। रूस में स्पुतनिक-5 वैक्सीन तो 10 हजार लोगों को दी भी जा चुकी है।


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