भालू के जबड़े में था एक हाथ, दूसरे से चप्पल को हथियार बनाकर बच्चे ने बचाई अपनी जान
बायां हाथ भालू के जबड़े में होने के बाद भी वह हिम्मत नहीं हारा और दाहिने हाथ से पैर में पहनी चप्पल को निकाल कर भालू के जबड़े में डाल दिया। इससे भालू ने उसके हाथ को छोड़ दिया।
बलरामपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में जंगली हाथी और भालुओं के लोगों पर हमले करने की घटनाएं आम हैं। यहां भालुओं के हमले में कई लोग हर वर्ष घायल होते हैं या फिर मारे जाते हैं, लेकिन बलरामपुर जिले के ग्राम चांदो में एक ऐसी ही घटना में एक दस साल के बच्चे ने अपनी सूझ-बूझ और हिम्मत के बूते अपने से कहीं ज्यादा ताकतवर जंगली जानवर को मात देकर अपनी जान बचा ली। बालक गुदुल की इस बहादुरी की अब सब तारीफ कर रहे हैं।
दरअसल, दस वर्षीय गुदुल पर भालू ने हमला कर दिया। बायां हाथ भालू के जबड़े में होने के बाद भी वह हिम्मत नहीं हारा और दाहिने हाथ से पैर में पहनी चप्पल को निकाल कर भालू के जबड़े में डाल दिया। इससे भालू ने उसके हाथ को छोड़ दिया। मामला बलरामपुर जिले के चांदो क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बैरडीहकला का है। जानकारी के मुताबिक, गुदुल पिता लूदे ग्राम बोदीटोला सामरी में अपने मामा के घर में रहकर तीसरी कक्षा की पढ़ाई करता है। सुबह उठकर वह अपने मामा के घर के पास जंगल में शौच के लिए गया था। घर लौटते वक्त जंगल में ही एक भालू से उसका सामना हो गया।
इसी बीच भालू ने उस पर हमला किया। हमले के दौरान गुदुल ने हौसला नहीं खोया, बल्कि भालू से खुद को छुड़ाने के लिए उसने तरकीब निकाली और खुद को उसके चंगुल से बचा लिया। भालू ने उसके बाएं हाथ के बाजू को जबड़े में जकड़ लिया। इसी बीच उसने पैर में पहनी चप्पल को निकालकर भालू के जबड़े में डाल दिया और जोर-जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया। इससे भालू ने उसके हाथ को छोड़ दिया और जबड़े में चप्पल दबाए भाग निकला।
भांजे के चिल्लाने की आवाज सुनकर मामा झिरगा घटनास्थल पहुंचा और लहूलुहान गुदुल को उठाकर घर ले लाया। घायल बालक को तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चांदो लाया गया, यहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया है। परिजन इस घटना के बाद से डरे हुए जरूर हैं, लेकिन गांव के लोग बालक गुदुल की बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं। बैरडीहकला ग्राम पंचायत, वनपरिक्षेत्र कुसमी अंतर्गत आता है, जहां बड़ी संख्या में जंगली भालू पाए जाते हैं।