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मध्य प्रदेश के बैतूल में बारिश से गेहूं की चमक गायब, अफसरों ने सरकार को भेजी झूठी जानकारी

समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए बनाए केंद्रों पर जब चमकविहीन गेहूं पहुंचने लगा तो प्रशासनिक अमले द्वारा नुकसानी का आकलन करने में बरती गई लापरवाही उजागर हो गई। कलेक्टर अमनबीर सिंह ने अब भोपाल पत्र लिखा है कि जिले में वर्षा और ओलावृष्टि से फसल आंशिक क्षतिग्रस्त हुई है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 08:27 PM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 08:30 PM (IST)
मध्य प्रदेश के बैतूल में बारिश से गेहूं की चमक गायब, अफसरों ने सरकार को भेजी झूठी जानकारी
कलेक्टर ने लिखा चमकविहीन गेहूं खरीदने की अनुमति दें

बैतूल, जेएनएन। जिले में मार्च में तेज बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की चमक गायब हो गई, लेकिन प्रशासन ने यह बात सरकार से छुपा ली और बताया ऐसा कुछ भी नहीं है। अब समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ हुई तो केंद्रों पर किसान चमकविहीन गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं, तो शासन द्वारा तय गुणवत्ता के मापदंडों के कारण इनकी खरीदी करने में अफसरों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। आनन-फानन में कलेक्टर ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर 40 से 50 फीसद चमकविहीन गेहूं खरीदने की अनुमति मांगी है।

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जिले के भैंसदेही, मुलताई, आठनेर, प्रभात पट्टन और बैतूल विकासखंड में एक सप्ताह तक बारिश और ओलावृष्टि हुई थी। इससे खेतों में पककर खड़ी गेहूं की फसल को खासा नुकसान पहुंचा। गेहूं की बालियां टूट जाने से उसकी चमक चली गई। किसानों द्वारा प्रशासन से सर्वे करने और राहत प्रदान करने की मांग भी की गई, लेकिन राजस्व और कृषि विभाग के मैदानी अमले ने नुकसान का आकलन करने की औपचारिकता निभाई और शासन स्तर पर जिले में कोई क्षति न होने की जानकारी भेज दी।

कलेक्टर ने मांगी अनुमति

समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए बनाए केंद्रों पर जब चमकविहीन गेहूं पहुंचने लगा तो प्रशासनिक अमले द्वारा नुकसानी का आकलन करने में बरती गई लापरवाही उजागर हो गई। कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने अब भोपाल पत्र लिखा है कि जिले में वर्षा और ओलावृष्टि से फसल आंशिक क्षतिग्रस्त हुई है। उप संचालक कृषि ने चमकविहीन गेहूं के संबंध में पूर्व में कोई जानकारी नहीं भेजी, लेकिन अब प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में वर्षा और ओलावृष्टि से 40 से 50 फीसद तक गेहूं चमकविहीन हो गया है। ऐसे गेहूं खरीदने की अनुमति प्रदान की जाए। इस बारे में कृषि विभाग के उपसंचालक केपी भगत का कहना है हमारे समझने में अंतर हो गया था, इस कारण कोई जानकारी नहीं भेजी गई। अब पता चल रहा है केंद्रों पर जो गेहूं आ रहा है, उसकी चमक गायब है।


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