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जानिए क्या है देश में सामने आया कोरोना वायरस का नया डेल्टा प्लस वैरिएंट और ये कितना खतरनाक ?

देश में कोरोना की दूसरी लहर में कहर बरपाने वाले कोरोना ने अब अपना रूप बदल लिया है। इस वायरस का नया वैरिएंट मिला है जिसे डेल्‍टा प्‍लस या AY1 नाम दिया गया है। यह भारत में पहली बार पाए गए कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का एडवांस रूप है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 09:55 AM (IST)
जानिए क्या है देश में सामने आया कोरोना वायरस का नया डेल्टा प्लस वैरिएंट और ये कितना खतरनाक ?
देश में सामने आया कोरोना का एक और नया वैरिएंट।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार मंद पड़ चुकी है। देश में हर रोज कोरोना के मामलों में कमी आ रही है। इस बीच, केंद्र सरकार की ओर से कोरोना के एक नए रूप(वैरिएंट) को लेकर जानकारी साझा की गई है। केंद्र ने औपचारिक रूप से स्वीकार किया है कि देश में कोरोना का एक नया वैरिएंट सामने आया है जो पिछले डेल्टा वैरिएंट के काफी करीब है। इसे AY.1 या डेल्टा प्लस वैरिएंट नाम दिया गया है। सरकार ने बताया है कि AY.1 कोरोना वायरस का एक वेरिएंट मौजूद है जो कि कोरोना ायरस के डेल्टा वैरिएंट के क़रीब है।

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क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट ?

देश में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ (Delta Plus) विकसित हो गया है। यह डेल्टा वैरिएंट का विकसित रूप है। डेल्टा वैरिएंट पहली बार भारत में ही पाया गया था। देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वायरस की चपेट में आए ज़्यादातर लोग इसी वैरिएंट के शिकार हुए थे। अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डेल्टा वैरिएंट ही विकसित होकर डेल्टा प्लस बन गया है। लेकिन केंद्र सरकार ने कहा है कि अभी तक ये डेल्टा प्लस चिंताजनक वैरिएंट(Variant of Concern) नहीं बना है। हालांकि, केंद्र सरकार की इस पर लगातार नजर बनी हुई है। 

हमें इसके बारे में अभी बहुत कुछ पता नहीं है। हम इसे लेकर अध्ययन कर रहे हैं। भारत में इसके संक्रमण को लेकर भी अध्ययन किया जा रहा है। सरकार की ओर से कहा गया है कि 'म्यूटेशन एक जैविक तथ्य है। हमें बचाव के तरीक़े अपनाने हैं।हमें इसे फैलने का अवसर मिलने से रोकना होगा।

कैसे बना डेल्टा प्लस वैरिएंट ?

डेल्टा प्लस वैरिएंट, डेल्टा वैरिएंट यानी कि बी.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से बना है। म्यूटेशन का नाम K417N है और कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में यानी पुराने वाले वैरिएंट में थोड़े बदलाव हो गए हैं। इस कारण नया वैरिएंट सामने आ गया। स्पाइक प्रोटीन, वायरस का वह हिस्सा होता है जिसकी मदद से वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है और हमें संक्रमित करता है। K417N म्यूटेशन के कारण ही कोरोना वायरस हमारे प्रतिरक्षा तंत्र(इम्यून सिस्टम) को चकमा देने मे कामयाब होता है। नीति आयोग ने 14 जून को कहा था कि ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट इस साल मार्च से ही हमारे बीच मौजूद है। हालांकि, ऐसा कहते हुए नीति आयोग ने बताया कि ये अभी चिंता का कारण नहीं है।

अमरीका में डेल्टा प्लस के 6% मामले

इंग्लैंड की स्वास्थ्य एजेन्सी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के मुताबिक़ K417N म्यूटेशन के साथ अब तक 63 प्रकार के अलग-अलग वैरिएंट की पहचान की गई है, जिनमें से 6 भारतीय वैरिएंट हैं। पूरे यूनाइटेड किंडम (UK) में ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट के कुल 36 मामले हैं और वहीं अगर अमरीका की बात करें तो वहां 6 प्रतिशत मामले डेल्टा प्लस वैरिएंट के हैं।

भारत में दूसरी लहर के दौरान कहर ढा चुका कोरोना का डेल्टा वैरिएंट अब पूरी दुनिया में फैल गया है। टीकों की खुराक लेने के बाद भी यह लोगों को शिकार बना रहा है। 

डेल्टा ने भारत में दूसरी कोरोना लहर के दौरान जमकर उत्पात मचाया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसका 'डेल्टा' नामकरण किया है। इसे कोविड-19 का चिंताजनक स्वरूप करार दिया है। एम्स के ताजा अध्ययन में दावा किया गया है कि डेल्टा वैरिएंट कोविड-19 वैक्सीन की एक या दोनों खुराक ले चुके लोगों में भी पाया गया है। 


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