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Weather Updates : बाकी सालों की अपेक्षा इस बार पड़ेगी कड़ाके की ठंड, जानिए क्या है IMD की ताजा भविष्यवाणी

Weather Updates भारतीय मौसम विज्ञान (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय मोहापात्रा ने कहा कि इस बार के मौसम में उत्तर भारत में सर्दी के बढ़ने की संभावना ज्यादा है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में रात का तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 06:20 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 11:03 PM (IST)
Weather Updates : बाकी सालों की अपेक्षा इस बार पड़ेगी कड़ाके की ठंड, जानिए क्या है IMD की ताजा भविष्यवाणी
उत्तर भारत में ठंड से कांपती युवतियों की फाइल फोटो

नई दिल्ली, एजेंसियां। उत्तर भारत में इस बार कड़ाके की सर्दी पड़ने के आसार हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने रविवार को कहा कि उत्तर भारत में इस बार अधिक कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है और ज्यादा शीत लहर चल सकती है। मौसम विभाग ने दिसंबर से फरवरी के लिए अपने सर्दियों के पूर्वानुमान में कहा कि उत्तर और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। महापात्र ने कहा, उत्तर भारत में रात का तापमान सामान्य से कम रह सकता है। वहीं दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। पश्चिमी तट और दक्षिण भारत में सामान्य तापमान न्यूनतम तापमान से अधिक रहेगा।

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पिछले महीने एक वेबिनार के दौरान महापात्रा ने कहा था कि ला नीना के चलते इस बार ज्यादा कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। महापात्रा ने कहा था कि इस समय केंद्रीय और पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र में सतह का तापमान सामान्य से नीचे है। प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय क्षेत्र में मध्यम ला नीना की स्थिति बन रही है। इस बात की संभावना है कि यह स्थिति सर्दियों के अंत तक बनी रहेगी।

2016 से सर्दियों पर भविष्यवाणी

मौसम विभाग 2016 से सर्दियों को लेकर भविष्यवाणी कर रहा है। यह संभवत: पहली बार है, जब मौसम एजेंसी ने कड़ाके की सर्दी पड़ने की भविष्यवाणी की है।

स्काईमेट वेदर ने भी कहा, इस साल अधिक पड़ेगी सर्दी

स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि दिल्ली में इस साल नवंबर में करीब एक दशक में सबसे ज्यादा ठंड पड़ी है। इस साल अधिक सर्दी पड़ेगी और शीतलहर का असर लंबे समय तक बरकरार रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ का अधिक दिनों के लिए प्रभावी नहीं होना इसका बड़ा कारण है। 

पिछले साल दिसंबर में चली थीं सर्द हवाएं

2018 में पोलर वॉर्टेक्स के कारण भारत में ठिठुरन भरी हवाएं चली थीं। इसी तरह 2019 में भी दिसंबर में तीन सप्ताह तक दिल्ली और आसपास के इलाकों में सर्द हवाएं चली थीं। इस साल मध्यम ला नीना के चलते कड़ाके की सर्दी पड़ने के आसार हैं।

क्या है ला नीना

ला नीना प्रशांत महासागर में पानी ठंडा होने से जुड़ी एक प्राकृतिक घटना है। पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र के सतह पर निम्न हवा का दबाव होने पर यह स्थिति पैदा होती है। इससे समुद्री सतह का तापमान काफी कम हो जाता है। इसका सीधा असर दुनियाभर के तापमान पर होता है।

दिल्ली में फिर बढ़ी सर्दी

लगातार दो दिन की राहत के बाद रविवार को दिल्ली में सर्दी फिर बढ़ गई। इस वजह से न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई और यह सात डिग्री सेल्सियस पर आ गया। इस वजह से सुबह में ठंड का अहसास अधिक हुआ, लेकिन दिन में धूप खिलने के कारण ठंड से थोड़ी राहत मिली।


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