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Weather Update: एक जून को केरल तट पर पहुंचेगा मानसून, इन राज्यों में जमकर होगी बारिश, खेती के लिए अच्छी खबर

Weather Update मानसून एक जून को केरल तट पर पहुंच जाएगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव ने ट्वीट कर किया का दावा। इस बार मानसून अच्छा रहेगा। ताजा संकेतों में मानसून के शानदार रहने की संभावना। खेती के साथ अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 08:54 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 07:12 AM (IST)
Weather Update: एक जून को केरल तट पर पहुंचेगा मानसून, इन राज्यों में जमकर होगी बारिश, खेती के लिए अच्छी खबर
एक जून को केरल तट पर पहुंचेगा मानसून, इन राज्यों में जमकर होगी बारिश, खेती के लिए अच्छी खबर

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना के इस आपदा काल में मानसून की अच्छी खबर आई है, जो लोगों को राहत दे सकती है। मानसून अपने निर्धारित समय से केरल के तटीय क्षेत्र तक पहुंचेगा। मानसून के ताजा पूर्वानुमान से कृषि क्षेत्र और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। किसानों के लिए आगामी फसल वर्ष के शानदार होने की संभावना है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. राजीवन ने गुरुवार को बताया कि चालू सीजन में मानसून अपने निर्धारित समय पर एक जून को केरल पहुंच जाएगा।

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भारतीय मौसम विभाग ने मानसून को लेकर जारी अपने पहले पूर्वानुमान में दावा किया है कि इस बार मानसून पूरे देश में जमकर बरसेगा। मानसूनी हवाएं उसी के अनुरूप चल रही हैं। मौसम विभाग आगामी 15 मई को मानसूनी हवाओं की चाल, बादलों में जल की मात्रा और देश के किन हिस्सों में कितनी बारिश होगी, का ब्योरा जारी करेगा।

दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार रहेगा सामान्य

इसके पहले मिले संकेतों के बाद मंत्रालय के सचिव ने समय पर भारतीय तट छू लेने का ट्वीट किया है। मौसम विज्ञानियों के पूर्वानुमान के मुताबिक चालू सीजन में देश के 75 फीसद हिस्से में बारिश करने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार पूरी तरह सामान्य रहेगा। यानी पूरे देश में जमकर बरसेगा।

यहां होगी औसत से अधिक बरसात

देश के 75 फीसद हिस्से में जून से लेकर सितंबर के बीच अच्छी बारिश होने का अनुमान है। जून से सितंबर के बीच सक्रिय रहने वाले मानसून सीजन में कुल 103 फीसद बारिश होगी। लेकिन उत्तरी क्षेत्र के मैदानी भागों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में पूरे सीजन में कम बारिश की आशंका है। जबकि पूर्वी राज्यों बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में औसत से अधिक बरसात होने का पूर्वानुमान है।

प्रशांत महासागर में पिछले वर्ष से ला नीना की स्थिति बनी हुई है, जिससे आगामी मानसून सीजन अच्छा रहेगा। पूरे मानसून सीजन पर अल नीनो के उभरने की आशंका नहीं है। महासागरों में होने वाली गतिविधियों का कोई दुष्प्रभाव मानसून की चाल पर नहीं पड़ेगा।

लौटता हुआ मानसून कर सकता है अत्यधिक बारिश 

प्राइवेट कंपनी स्काईमेट के पूर्वानुमान के मुताबिक जुलाई माह में 15 फीसद तक सामान्य से कम बारिश हो सकती है। इस महीने में 285 मिमी के मुकाबले 277 मिमी बारिश होने का अनुमान है। अगस्त महीने में होने वाली सामान्य बारिश 258 के मुकाबले 256 मिली होगी। सितंबर में व्यापक रूप से चौतरफा और सामान्य से अधिक बरसात होने का अनुमान है। इस महीने सामान्य रूप से 170 मिमी बारिश होती है, जबकि आगामी सीजन में यह 197 मिमी होगी। देश के पश्चिमी छोर में औसत से कम बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है। हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जुलाई व अगस्त में भले ही कुछ बारिश हो, लेकिन सितंबर में लौटता हुआ मानसून अत्यधिक बारिश कर सकता है। इस बार मानसून की विदाई देर से होने का अनुमान है।


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