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Weather Update: दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत इन जगहों पर जल्द होगी बारिश, जानें क्या है आज का पूर्वानुमान

उत्तर और पश्चिमोत्तर भारत में पिछले सात सितंबर के बाद से अच्छी बरसात नहीं हुई है इसी के चलते उमस के साथ ही तापमान बढ़ गया है। IMD ने आने वाले मौसम की अधिक जानकारी साझा की है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 09:33 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 02:27 PM (IST)
Weather Update: दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत इन जगहों पर जल्द होगी बारिश, जानें क्या है आज का पूर्वानुमान
बारिश के बीच छाते से खुद को भीगने से बचाती युवती।

नई दिल्ली, एजेंसी। देश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम मिजाज बदला नजर आ रहा है। कहीं भारी बारिश का दौर है तो कहीं कड़कती धूप से लोगों का हाल बेहाल है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कुछ और स्थानों पर लोगों को उमसभरी गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है। मौसम विभाग ने 23 और 24 सितंबर को इन राज्यों में बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है। आइएमडी के वरिष्ठ विज्ञानी ने बताया कि पश्चिमोत्तर भारत, खासकर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 23 सितंबर को बरसात होगी। उन्होंने कहा कि इस साल पूरे देश में सामान्य से सात फीसद अधिक बारिश हुई है। लेकिन उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से 15 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है।

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IMD ने रविवार को कहा, 'मानसून का मौसम आधिकारिक तौर पर 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगा, लेकिन बंगाल की उत्तर-पूर्वी खाड़ी के ऊपर एक ताज़ा कम दबाव के क्षेत्र के विकास के साथ, इसके उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी के अभी तक कोई संकेत नहीं हैं।'

मौसम विभाग की माने तो आज यानी सोमवार को तटीय कर्नाटक के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। ओडिशा, असम और मेघालय और कोंकण और गोवा में अलग-अलग स्थानों पर भारी से भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है। वहीं, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, गांगेय पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल और माहे में भी अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।

इसके अलावा झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, गुजरात क्षेत्र, मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तेलंगाना, रायलसीमा, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल पर अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।

आइएमडी के वरिष्ठ विज्ञानी राजेंद्र कुमार जेनामणि ने एजेंसी एएनआइ को बताया, इस साल पश्चिमी विक्षोभ की संख्या बहुत कम रही, इसी के चलते उत्तर और पश्चिमोत्तर भारत में कम बरसात हुई। उत्तराखंड में भी हर साल की तरह इस वर्ष कम बारिश हुई। हालांकि, जितनी भी बरसात हुई है वह खेती के लिए ठीक है। बताया गया कि पश्चिमी विक्षोभ एक तरह का चक्रवात है, जो यूरोप में भूमध्य सागर के ऊपर पैदा होता है और जब यह आगे बढ़ता हुआ पूरब की ओर आता है तब भारत में पश्चिम की ओर से प्रवेश करता है तथा इसी के परिणाम स्वरूप जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा में बारिश होती है।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाकों में भले ही कम बरसात रिकॉर्ड की गई, लेकिन पंजाब और हरियाणा में पर्याप्त मात्रा में बरसात हुई। राजस्थान में अच्छी बारिश हुई है और वहां लगातार अच्छी बरसात हो भी रही है। बताया गया कि उत्तर और पश्चिमोत्तर भारत में पिछले सात सितंबर के बाद से अच्छी बरसात नहीं हुई है, इसी के चलते उमस के साथ ही तापमान बढ़ गया है।


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