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सितंबर-अक्टूबर में हुईं अत्यधिक भारी बारिश की 125 घटनाएं, जानें क्या रहे इसके कारण

मौसम विभाग ने मंगलवार को बताया कि देश में इस साल सितंबर और अक्टूबर में अत्यधिक भारी बारिश की 125 घटनाएं दर्ज की गईं जो पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा हैं। इस साल सितंबर माह में अत्यधिक भारी बारिश की 89 घटनाएं दर्ज की गईं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 02 Nov 2021 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 02 Nov 2021 07:37 PM (IST)
सितंबर-अक्टूबर में हुईं अत्यधिक भारी बारिश की 125 घटनाएं, जानें क्या रहे इसके कारण
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले पांच साल में सबसे अधिक हैं ये घटनाएं

नई दिल्ली, प्रेट्र। मौसम विभाग ने मंगलवार को बताया कि देश में इस साल सितंबर और अक्टूबर में अत्यधिक भारी बारिश की 125 घटनाएं दर्ज की गईं जो पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा हैं। इसकी वजह दक्षिण-पश्चिम मानसून की देर से वापसी और सामान्य से अधिक संख्या में निम्न-दवाब के क्षेत्रों का बनना रहा। वैसे इस साल मानसून सामान्य रहा और यह लगातार तीसरा साल था जब देश में मानसूनी बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक दर्ज की गई। 2019 और 2020 में मानसूनी बारिश सामान्य से अधिक हुई थी।

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मौसम विभाग के अनुसार, पिछले पांच साल में सबसे अधिक हैं ये घटनाएं

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल सितंबर माह में अत्यधिक भारी बारिश की 89 घटनाएं दर्ज की गईं जो इसी महीने में पिछले साल 61, 2019 में 59, 2018 में 44 और 2017 में 29 दर्ज की गई थीं। वहीं, इस साल अक्टूबर माह में अत्यधिक भारी बारिश की 36 घटनाएं दर्ज की गईं जो इसी माह में पिछले साल 10, 2019 में 16, 2018 में 17 और 2017 में 12 दर्ज की गई थीं। विभाग ने बताया कि इन दो माह के दौरान नौ बार निम्न दवाब के क्षेत्र बने जिनमें दो चक्रवात और एक डीप डिप्रेशन शामिल हैं।

उत्तराखंड में 18 और 19 अक्टूबर को हुई अभूतपूर्व अत्यधिक भारी बारिश की वजह से 79 लोगों की जानें चली गईं थीं। अक्टूबर माह में होने वाली सामान्य 35.3 मिलीमीटर के मुकाबले राज्य में इस साल इस महीने में 203.2 मिलीमीटर बारिश हुई। बताते चलें कि 15 मिलीमीटर बारिश को हल्की, 15 से 64.5 मिलीमीटर को मध्यम, 64.5 से 115.5 मिलीमीटर को भारी, 115.6 से 204.4 मिलीमीटर को बहुत भारी और 204.4 मिलीमीटर से अधिक बारिश को अत्यधिक भारी बारिश माना जाता है।

उल्लेखनीय है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्यत: 15 अक्टूबर को देश से विदा हो जाता है, लेकिन इस बार यह 25 अक्टूबर को विदा हुआ। इस तरह वर्ष 1975 के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून सातवीं बार देर से लौटा है।


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