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Weather Forecast : इंदौर समेत एक दर्जन जिलों में हल्की बारिश, दिन व रात में बढ़ेगी और सर्दी

मौसम विज्ञानी पीके साह ने बताया कि अरब सागर से आ रही नमी वाली हवाओं के कारण बारिश की स्थिति बनी हुई है। सोमवार को हवा उत्तरी हो गई है। इसके चलते ठंडी हवाएं प्रदेश में आना शुरू हो गई हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 10:49 PM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 10:49 PM (IST)
Weather Forecast : इंदौर समेत एक दर्जन जिलों में हल्की बारिश, दिन व रात में बढ़ेगी और सर्दी
चना की खेती के लिए वरदान साबित होगी यह बारिश

भोपाल, जेएनएन। पिछले 24 घंटे के दौरान भोपाल, होशंगाबाद, जबलपुर एवं शहडोल संभागों के जिलों में कुछ स्थानों और इंदौर, उज्जैन एवं सागर संभागों के कुछ जिलों में बारिश दर्ज की गई। शेष संभागों के जिलों में मौसम शुष्क रहा। न्यूनतम तापमान में सभी संभागों के जिलों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। इंदौर एवं ग्वालियर संभागों के जिलों में सामान्य से अधिक एवं शेष संभागों में सामान्य से विशेष रूप से अधिक रहा। सबसे कम न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस ग्वालियर में दर्ज किया गया। खिलचीपुर (राजगढ़) में 10 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

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मौसम विभाग के अनुसार रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, होशंगाबाद व भोपाल संभाग के जिलों में तथा बुरहानपुर, खंडवा, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, गुना जिले में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। वहीं, ग्वालियर, रायसेन, राजगढ़, भोपाल, शाजापुर, देवास व छतरपुर जिले में हल्का कोहरा छाया रहेगा।

प्रदेश में 16 दिसंबर के बाद और बढ़ेगी ठिठुरन

मौसम विज्ञानी पीके साह ने बताया कि अरब सागर से आ रही नमी वाली हवाओं के कारण बारिश की स्थिति बनी हुई है। सोमवार को हवा उत्तरी हो गई है। इसके चलते ठंडी हवाएं प्रदेश में आना शुरू हो गई हैं। 16 दिसंबर के बाद ठिठुरन वाली ठंड पड़ना शुरू हो जाएगी। बारिश का सिलसिला मंगलवार को लगभग खत्म हो जाएगा। 

कृषि विज्ञानी डॉ जेके कन्नौजिया ने बताया कि यह बारिश प्रदेश के किसानों के चेहरे पर खुशी की झलक लेकर आई है। गेहूं और चने की फसल के लिए विगत चार दिन से हुई बारिश वरदान साबित होगी। प्रदेश के कई जिलों में फसल का रकबा असिंचित भी है। वहां यह फसल लगी होगी तो फसल को पानी मिल जाएगा। गेहूं और चने की फसल को कम तापमान की जरूरत होती है। पानी बरसने के बाद अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट हुई है जो फसल को फायदा पहुंचाएगी।


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