Weather Forcast News: मानसून के बीते दो माह, कहीं लोग त्रस्त तो कहीं बाकी है चाह
Weather Forcast News देश की तरक्की में अहम भूमिका निभाने वाले इस मानसून के पहले दो महीनों की तस्वीर और आने वाले दो महीनों की उम्मीदों पर पेश है एक नजर?
नई दिल्ली, जेएनएन। Weather Forcast News जून से सितंबर तक चलने वाले मानसूनी सीजन के दो माह बीत चुके हैं। आधा मानसूनी सीजन बीतने के बाद भी देश के कुछ हिस्से बारिश की बूंदों से तृप्त नहीं हुए हैं। वे लोग इंद्रदेव से और बारिश की आस लगाए हैं। तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि देश के कई राज्य बाढ़ की चपेट में हैं। कोरोना के कहर के बीच पानी का उफान उनके सामने दोहरी चुनौती पेश कर रहा है। हालांकि समग्र रूप से देखा जाए तो मानसून के पहले दो महीने में यानी एक जून से 31 जुलाई तक देश में सामान्य बारिश दर्ज हुई है।
इन दो महीनों में सामान्य बारिश का आंकड़ा 452 मिमी है, लेकिन वास्तविक बारिश 453.3 मिमी दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में दो महीनों के दौरान बारिश सामान्य हुई तो राजस्थान और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों की धरती पूरी तरह गीली नहीं हो सकी। मानसून हमारे देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है। अच्छे मानसून से खेती बेहतर होती है। किसानों की आय बढ़ती है तो बढ़ी क्रयशक्ति से औद्योगिक क्षेत्र को भी सहारा मिलता है। ऐसे में देश की तरक्की में अहम भूमिका निभाने वाले इस मानसून के पहले दो महीनों की तस्वीर और आने वाले दो महीनों की उम्मीदों पर पेश है एक नजर?
जुलाई से गीला रहा जून: मौसम विभाग के मुताबिक जून महीने में सामान्य की तुलना में 17.6 फीसद अधिक बरसात हुई जबकि जुलाई में यह आंकड़ा सामान्य से 9.8 फीसद कम रहा।
जिलेवार बात: देश के 685 जिलों में से 38 फीसद में अब तक सामान्य बारिश हुई है। 33 फीसद जिलों में कम बारिश या बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है। 29 फीसद ऐसे जिले हैं जहां अत्यधिक बरसात हुई और बाढ़ के प्रकोप से जूझ रहे है।
अच्छे दिनों की उम्मीद: मौसम विभाग के मुताबिक मानसूनी सीजन के बाकी दो महीनों में अच्छी बारिश के संकेत हैं। अगस्त और सितंबर में कुल बारिश सामान्य की तुलना में 104 फीसद हो सकती है। सिर्फ अगस्त महीने में दीर्घावधि औसत की 97 फीसद बारिश का अनुमान है। जुलाई की तरह ही अगस्त भी बरसात के लिहाज से महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। कुल मानसूनी बारिश का 30 फीसद इसी महीने में बरसात होती है। सीजन के खत्म होने वाले सितंबर महीने में बारिश की हिस्सेदारी सिर्फ 16 फीसद होती है। हालांकि इस बार अनुमान है कि यह हिस्सेदारी 20 फीसद तक चली जाए।