स्टेशनों में कचरा निस्तारण व जलमल प्रबंधन को लेकर रेलवे हुआ गंभीर, जल्द दिखेगा बदलाव
ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 683 स्टेशनों की कार्ययोजना भी तैयार करने कहा है और उनसे संबंधित कार्यान्वयन रिपोर्ट भी समय-समय पर प्रस्तुत करने को कहा है।
नई दिल्ली[जागरण ब्यूरो]। रेलवे स्टेशनों, परिसरों व ट्रैक के आसपास गंदगी व प्रदूषण को लेकर एनजीटी की नाराजगी को गंभीरता से लेते हुए रेलवे ने सभी जोनों को प्रमुख स्टेशनों व उनके आसपास साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए कचरा निस्तारण व जलमल प्रबंधन के समुचित इंतजाम सुनिश्चित करने तथा इनकी जानकारी रेलवे बोर्ड को भेजने को कहा है।
इस संबंध में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने सभी जोनों के महाप्रबंधकों को पत्र लिखा है। पत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश का हवाला देते हुए यादव ने लिखा है कि अफसोस की बात है कि रेलवे ने अभी तक स्टेशनों में कचरा निस्तारण व जलमल प्रबंधन का समुचित तंत्र विकसित नहीं किया है। जबकि इस संबंध में एनजीटी आदेश दे चुका है।
एनजीटी ने पहले रेलवे को 720 प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से पांच प्रतिशत स्टेशनों में कचरा प्रबंधन एवं निस्तारण की कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा था। जिस पर रेलवे ने 37 प्रमुख स्टेशनों से संबंधित कार्ययोजना तैयार करके 15 मार्च, 2019 को एनजीटी को सौंप दी थी। लेकिन 26 मार्च, 2019 को हुई नवीनतम सुनवाई में एनजीटी ने रेलवे को उक्त कार्ययोजना के कार्यान्वयन की रिपोर्ट भी समय-समय पर पेश करने को कहा है और पहली रिपोर्ट 31 जुलाई, 2019 तक मांगी है।
इतना ही नहीं, ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बाकी 683 स्टेशनों की कार्ययोजना भी तैयार करने कहा है और उनसे संबंधित कार्यान्वयन रिपोर्ट भी समय-समय पर प्रस्तुत करने को कहा है। इसे देखते हुए सभी जोनों को हर महीने की 25 तारीख तक सभी 720 चिह्नित स्टेशनों की कार्ययोजना के साथ कार्यान्वयन रिपोर्ट भी रेलवे बोर्ड को भेजनी होगी।
बोर्ड अध्यक्ष ने स्टेशनों और ट्रैक की साफ-सफाई को आइएसओ 14001 मानकों के अनुरूप बनाए रखने वाली कार्ययोजना का प्रारूप महाप्रबंधकों को भेजा है। इसके मुताबिक महाप्रबंधकों को प्रत्येक स्टेशन में ऊर्जा व जल संरक्षण की आडिट रिपोर्ट के अलावा जल एवं जलमल उत्प्रवाह की रीसाइक्लिंग के लिए किए गए उपायों का ब्यौरा देना होगा।
इसके अतिरिक्त उन्हें प्रत्येक स्टेशन पर डस्टबिन और बाटल क्रशिंग मशीनों की संख्या और कंपोस्टिंग प्लांट व मैटीरियल रिकवरी सुविधा की मौजूदगी तथा सफाई व कचरा बीनने संबंधी अनुबंधों की स्थिति का विवरण भी देना होगा।
महाप्रबंधकों से स्टेशनों पर साफ-सफाई की निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की संख्या व स्थिति दर्शाने के अलावा स्टेशन परिसर में गंदगी फैलाने वालों को दंडित करने के लिए नामित अधिकारी तथा खुले में शौच को रोकने वाली टीमों का ब्यौरा बताने को भी कहा गया है।
एनजीटी को सौंपी जाने वाली सावधिक कार्यान्वयन रिपोर्ट में स्टेशनों के नजदीक ट्रैक के किनारे अतिक्रमण की स्थिति और संख्या के साथ-साथ ट्रैक के आसपास कूड़ा डाले जाने वाले स्थानों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। साथ ही इसे रोकने के लिए किन-किन जगहों पर दीवार बनाए जाने की जरूरत है ये भी बताने को कहा गया है। कुल मिलाकर रिपोर्ट में सफाई से संबंधित 24 बिंदुओं पर जानकारी देनी होगी।
चिह्नित कुछ प्रमुख स्टेशन:
कचरा निस्तारण व जलमल प्रबंधन तंत्र के लिए चिह्नित प्रमुख स्टेशनों में उत्तर मध्य रेलवे के आगरा कैंट, मथुरा, आगरा फोर्ट, इलाहाबाद, कानपुर सेंट्रल, अलीगढ़, इटावा, मिर्जापुर, खुर्जा, फफूंद, ग्वालियर झांसी, बांदा, चित्रकूटधाम, दतिया, खजुराहो स्टेशन, जबकि पूर्वोत्तर रेलवे के काठगोदाम, बरेली सिटी, फरुखाबाद, कन्नौज, हल्द्वानी, पीलीभीत, गोरखपुर, लखनऊ, बस्ती, गोंडा, खलीलाबाद, बादशाहनगर, गाजीपुर व वाराणसी स्टेशन शामिल हैं।
जबकि उत्तर रेलवे से दिल्ली के सभी स्टेशनों के अलावा फरीदाबाद, गुड़गांव, मेरठ सिटी, मुजफ्फरनगर, पलवल, गाजियाबाद, साहिबाबाद, हरिद्वार, बरेली, देहरादून, हरदोई, मुरादाबाद, रुड़की, सहारनपुर, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, जौनपुर, बाराबंकी, भदोही, उन्नाव, रायबरेली, नजीबाबाद, रामपुर, अमरोहा, चंडीगढ़, अमृतसर, बटिंडा, सरहिंद, राजपुरा, अबोहर, पटियाला, जालंधर, जम्मू पठानकोट, ऊधमपुर, कटरा, लखनऊ, वाराणसी, अकबरपुर, फैजाबाद, जौनपुर को लिया गया है।
पूर्व मध्य रेलवे में पटना, राजेंद्रनगर, पाटलिपुत्र, पटना साहिब, दानापुर, आरा, बक्सर, क्यूल, राजेंद्रनगर, बख्तियारपुर, बिहटा, दिलदारनगर, बाढ़, फतुहा, जमुई, जहानाबाद, मोकामा, राजगीर आदि स्टेशनों को सूची जगह दी गई है।
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