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China Warheads: दुनिया में तबाही मचा सकती हैं चीन की ये मिसाइलें, जानें इनकी खासियत

विध्‍वंसक हथि‍यारों की होड़ में चीन की मिसाइल ताकतों का कोई मुकाबला नहीं है। उसके पास ऐसी मिसाइलें है जो पलक झपकते दुनिया में तबाही मचा सकती हैं। पढ़ें दिलचस्‍प रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 02:30 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 12:59 AM (IST)
China Warheads: दुनिया में तबाही मचा सकती हैं चीन की ये मिसाइलें, जानें इनकी खासियत
China Warheads: दुनिया में तबाही मचा सकती हैं चीन की ये मिसाइलें, जानें इनकी खासियत

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। पड़ोसी देश चीन ने मंगलवार को कम्युनिस्ट शासन की 70वीं वर्षगांठ पर अपने हथियारों की ताकत को दुनिया के सामने दिखाया। सैन्‍य परेड में दुनिया को तबाह करने वाली विध्‍वंसक मिसाइलों, टैंकों, ड्रोन और हथियारों का प्रदर्शन किया गया। यही नहीं ड्रैगन ने पहली बार हाइपरसोनिक-ग्लाइड मिसाइल का भी प्रदर्शन किया। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि विध्‍वंसक हथि‍यारों की होड़ में चीन इतना ताकतवर हो चुका है कि उससे निपटना अमेरिका के बूते की बात अब नहीं रही है। आइये जानते हैं चीन ने जिन हथियारों को परीक्षण किया वे कितने घातक है और दुनिया में कैसी तबाही मचा सकते हैं।

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धरती की सबसे खतरनाक इस मिसाइल की जद में दुनिया

अभी तक यह माना जाता था कि अमेरिका और रूस ही दुनिया के ऐसे देश हैं जिनकी मिसाइलों का कोई मुकाबला नहीं है। लेकिन, चीन ने अपने सैन्य परेड में पहली बार अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल डीएफ-41 को प्रदर्शित करके यह दिखा दिया कि दुनिया की दादागीरी की रेस में वह भी अमेरिका और रूस को टक्‍कर दे सकता है। जहां तक डीएफ-41 का सवाल है तो यह 15 हजार किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। इतना ही नहीं यह महल 30 मिनट में अमेरिका एटमी हमला कर सकती है। माना जा रहा है कि इसकी मारक क्षमता धरती पर बनी अब तक की सभी मिसाइलों में सबसे ज्‍यादा है।

एक साथ 10 अलग अलग निशाने को भेदने में सक्षम

चीन अभी आधिकारिक तौर पर डीएफ-41 या डोंगफेंग-41 मिसाइल की कुछ खासियतों को छोड़कर दुनिया को कुछ नहीं बता रहा है लेकिन सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मिसाइल डिफेंस प्रोजेक्ट के मुताबिक, डीएफ-41 वह मिसाइल है जिसके जरिए एक साथ 10 अलग अलग निशाने साधे जा सकते हैं। यही नहीं यह अलग-अलग क्षमता वाले 10 परमाणु हथियारों को लेकर लक्ष्‍य को समूल रूप से नष्‍ट कर सकती है।

डोंगफेंग-17 या डीएफ-17

चीन ने पहली बार ही डोंगफेंग-17 या डीएफ-17 मिसाइल का भी प्रदर्शन किया। यह इतनी घातक मिसाइल है कि इसके सामने ऐंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी कहीं नहीं ठहरते हैं। यह न्यूक्लियर क्षमता से लैस एक तरह की ग्लाइडर है। विश्लेषकों की मानें तो इसकी ताकत इसकी तेज स्‍पीड है। यह इतनी तेज है कि एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी नष्‍ट कर सकती है।

DR-8 ड्रोन को कोई जवाब नहीं

चीन ने अपनी सैन्‍य परेड में नए DR-8 ड्रोन भी प्रदर्शित किए। ये ड्रोन आवाज की गति से पांच गुना तेज रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं। यही नहीं दावा यह भी है कि DR-8 ड्रोन दुनिया के किसी रॉडार की पकड़ में नहीं आएगा। यानी दबे पांव ऐसा हमला कि दुश्‍मन के होश गुम हो जाएं। इसके साथ साथ 580 टैंक (TR-580) भी प्रदर्शित किया। 46 टन वजनी यह टैंक बेजोड़ है। यह जल में भी तेज गति से दुश्‍मन के ठिकानों पर धावा बोल सकता है।

कहां ठहरता है भारत

भारत की बात करें तो उसके पास अग्नि-5 के रूप में इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है लेकिन यह केवल पांच हजार किलोमीटर तक ही मार कर सकती है। यानी यह कड़वी सच्‍चाई कि भारत की मिसाइलें चीनी प्रक्षेपास्‍त्रों के मुकाबले कहीं नहीं ठहरती हैं। चीन ने अपनी सैन्य परेड में करीब 15 हजार सैनिकों को भी शामिल किया। सैन्‍य परेड के लिहाज से यह संख्‍या काफी ज्‍यादा है। इसके अलावा चीन के 160 से ज्यादा विमानों ने भी अपने करतब दिखाए। साथ ही 580 सैन्य साजो-सामानों का प्रदर्शन किया जो ऐतिहासिक है।

जताई मंशा, 'कोई रोक नहीं सकता'

चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफ‍िंग ने परेड सामारोह में अपनी विस्‍तारवादी नीतियों की मंशा भी साफ जाहिर कर दी। उन्‍होंने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत चीन और उसके लोगों को नहीं रोक सकती है। सामरिक विश्‍लेषकों की मानें तो चीन ने इस अभू‍तपूर्व सैन्‍य परेड के जरिए एशियाई क्षेत्र में अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। साथ ही साउथ चाइना सी में अमेरिका के सामने खुद को ताकतवर साबित करने की कोशिशें भी कर रहा है।  

दुनिया की सबसे बड़ी सेना, वायुसेना 

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है। यही नहीं उसकी वायु सेना का भी कोई जोड़ नहीं है। अमेरिका और रूस के बाद उसकी वायुसेना तीसरे स्‍थान पर है। पिछले साल उसने अपनी सेना की ताकत बढ़ाने पर 250 अरब डॉलर की रकम खर्च की थी। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि चीन के पास 280 परमाणु हथियार हैं। यह इतने ताकतवर हैं कि दुनिया से इंसानी आबादी का नाश कर सकते हैं। हालांकि, अमेरिका के पास 6450 और रूस के पास 6850 परमाणु हथियार हैं। वैसे हथियारों की यह होड़ दुनिया को किस मुकाम पर ले जाएगी यह आने वाला वक्‍त ही तय करेगा... 


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