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एमपी में हुए व्यापम घोटाले ने लाखों युवाओं का भविष्य किया चौपट, फिर भी अटकी 197 शिकायतों की जांच

मालूम हो इस मामले में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 45 लोगों की मौत हुई थी। सूत्रों के मुताबिक उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद एसटीएफ ने 212 प्रकरणों की जांच सीबीआइ को सौंपी थी लेकिन 1040 शिकायतें एसटीएफ के पास लंबित थीं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 07:57 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 07:57 PM (IST)
एमपी में हुए व्यापम घोटाले ने लाखों युवाओं का भविष्य किया चौपट, फिर भी अटकी 197 शिकायतों की जांच
2019 में एसटीएफ ने जांच शुरू की और 16 शिकायतों में एफआइआर दर्ज की थी।

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए बहुचर्चित व्यापम (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) घोटाले ने लाखों युवाओं का भविष्य चौपट कर दिया, लेकिन इससे संबंधित शिकायतों की जांच आगे नहीं बढ़ रही है। सीबीआइ में दर्ज प्रकरणों के अलावा 197 शिकायतें विशेष जांच दल (STF) को सौंपी गई थीं। 2019 में एसटीएफ ने जांच शुरू की और 16 शिकायतों में एफआइआर दर्ज की थी। मार्च 2020 में सरकार ने कुछ मामलों में अपराध दर्ज करने की बात विधानसभा में भी स्वीकारी थी, लेकिन तब से जांच ठंडे बस्ते में है।

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मालूम हो, इस मामले में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 45 लोगों की मौत हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद एसटीएफ ने 212 प्रकरणों की जांच सीबीआइ को सौंपी थी, लेकिन 1040 शिकायतें एसटीएफ के पास लंबित थीं। तत्कालीन पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर इनमें से 530 शिकायतें जांच के लिए जिलों में भेजी गई जबकि 313 की जांच बंद कर दी गई थी। जांच योग्य पाई गई 197 शिकायतों पर एसटीएफ ने जांच शुरू की और 16 मामलों में आपराधिक प्रकरण दर्ज किए। इस दौरान अगस्त 2019 में एसटीएफ ने पूर्व विधायक पारस सकलेचा सहित अन्य शिकायतकर्ता आनंद राय और आशीष चतुर्वेदी के कई घंटे लंबे बयान भी दर्ज किए थे।

मेडिकल सहित कई परीक्षाओं में हुई थी धांधली

इंजीनिरिंग और मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा लेने वाला व्यापम कुछ वर्षो से गैर राजपत्रित पदों के लिए भर्ती परीक्षाएं आयोजित कर रहा था। इनमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई थीं। व्यापम घोटाले में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 और 2013, पीएमटी वर्ष 2012 और 13, प्री पीजी परीक्षा 2012, खाद्य निरीक्षक परीक्षा 2012, दुग्ध संघ भर्ती परीक्षा 2012, पुलिस उपनिरीक्षक 2012, संविदा शिक्षक वर्ग-2 और वर्ग-3 भर्ती परीक्षा 2011, वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 और 2013, जेल प्रहरी परीक्षा 2012, परिवहन आरक्षक परीक्षा 2012, डाटा एंट्री आपरेटर भर्ती परीक्षा 2013 में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा किए जाने पर आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे।

व्यापम घोटाले से जुड़े व्हीसल ब्लोअर पारस सकलेचा ने कहा कि एसटीएफ ने तीन दिन बुलाकर मेरे बयान लिए थे, मगर एफआइआर अब तक दर्ज नहीं की है। जिन मामलों में एफआइआर दर्ज की, उनमें आगे की जांच नहीं हो रही। बची शिकायतों पर मामले दर्ज नहीं होंगे तो हम अदालत की शरण लेंगे।  

एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विपिन माहेश्वरी ने बताया कि विवेचना चल रही है। मूल निवासी प्रमाण पत्र की जानकारी मंगवा रहे हैं। दस-दस साल पुराना रिकार्ड है इसलिए उसे प्राप्त करने में देरी हो रही है।


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