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जल्द ये सपना हो सकता है साकार, 20 मिनट में तय करें चेन्नई से बेंगलुरु का सफर

हाइपरलूप वन ने भारत में पांच नई लाइनों का चयन किया है, जिसमें चेन्नई-बेंगलुरु मार्ग शामिल है।

By Suchi SinhaEdited By: Published: Sun, 05 Mar 2017 11:22 AM (IST)Updated: Sun, 05 Mar 2017 01:59 PM (IST)
जल्द ये सपना हो सकता है साकार, 20 मिनट में तय करें चेन्नई से बेंगलुरु का सफर
जल्द ये सपना हो सकता है साकार, 20 मिनट में तय करें चेन्नई से बेंगलुरु का सफर

नई दिल्ली(जेएनएन)। सड़क मार्ग के जरिए चेन्‍नई से बेंगलुरू की दूरी 345 किलोमीटर है। अगर आप बस से  सफर करते हैं तो ये दूरी कम से  कम 6 घंटे 30 का में तय होती है। वहीं ट्रेन से 6 घंटे और हवाई जहाज से 50 मिनट समय लगता है। लेकिन एक नई परिवहन प्रणाली के जरिए ये सफर महज 20 मिनट का हो जाएगा लेकिन उसके लिए आपको करना होगा एक वोट।

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दरअसल अमेरिकी आंत्रप्रन्‍योर तथा आविष्‍कारक एलन मस्‍क ने हाइपरलूप वन ने इसका इजाद किया है। इस कंपनी ने वैश्विक चुनौती के माध्यम से भारत में पांच नई लाइनों का चयन किया है और अब देश में पहली लाइन शुरू की जानी चाहिए या नहीं इसके लिए वो लोगों से वोट करने का आग्रह कर रहे हैं।

क्या है हाइपरलूप?

हाइपरलूप को भविष्य की परिवहन व्यवस्था कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा। इस व्यवस्था में मेट्रो ट्रेन की तर्ज पर ही बड़े-बड़े पिलर पर एक खास ट्यूब लगाई जाती है। इस ट्यूब के भीतर पॉड में सफर किया जाता है। पॉड को चुंबक और इलेक्ट्रोमैग्नेट के जरिये गति दी जाती है। इसकी गति 1,200 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।

शनिवार को रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने एक सम्मेलन के दौरान नई तकनीक में भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि हाइपरलूप कंपनी लॉस एंजल्स में हो रहे अपने प्रयोगों में सफलता के झंडे गाड़ेगी। लेकिन इस तकनीक के बारे में बहुत ज्यादा हाईपर होने की जरूरत नहीं है। भारतीय रेलवे तमाम ऐसे रास्तों पर विचार कर रही है जिससे उसकी ट्रेनों की रफ्तार तेजी से बढ़ सके।

हाइपरलूप कंपनी के द्वारा पेश किया गया कांसेप्ट आकर्षक है और ऐसी किसी भी तकनीक में भारतीय रेलवे पार्टनरशिप करना चाहती है। हाइपरलूप के सम्मेलन में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी अपनी बात रखते हुए कहा था कि बढ़ती हुई आबादी के मद्देनजर भारत को रेलवे के मामले में नई टेक्नोलॉजी की तरफ रुख करना पड़ेगा।

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