इसी साल के अंत तक शुरु हो जाएगा राम मंदिर का निर्माण : विहिप
विश्व हिन्दू परिषद ने इसी साल के अंत तक अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू होने की उम्मीद जताई है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। विश्व हिन्दू परिषद ने इसी साल के अंत तक अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू होने की उम्मीद जताई है। परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मंदिर निर्माण का पक्ष काफी मजबूत है।
वह कोर्ट से इसकी रोजना सुनवाई कर फैसले की मांग करेंगे। यदि इनमें किसी तरह की देरी होती है, तो वह संत-समाज से मंत्रणा करेंगे और उनकी सलाह पर कोई नया कदम उठाएंगे। उन्होंने गौ-रक्षा और गौ-संवर्द्धन के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से एक अलग मंत्रालय गठित करने की भी मांग की है।
विहिप प्रबंध समिति की दो दिवसीय बैठक के समापन पर सोमवार को इसे लेकर प्रस्ताव भी पारित किए गए। बैठक में रोहिंग्या का भी मुद्दा उठा, जिसमें फैसला लिया गया कि सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
साथ ही घुसपैठ रोकने के लिए कानून बनाने, भारत-बांग्ला सीमा को सील करने, घुसपैठ कर भारत में आ गए रोहिंग्या मुसलमानों को उनके देश वापस भेजा जाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में विहिप के देश भर के करीब 250 प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
बैठक में पारित प्रस्तावों की जानकारी देते हुए विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि इस दौरान अनुसूचित जाति और जनजातियों के सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे अभियान को भी विस्तार देने का फैसला लिया गया।
इसके तहत अब देश के एक लाख से ज्यादा गांवों में इनके उत्थान के लिए एकल विद्यालय संचालित किए जाएंगे। अभी तक 62 हजार गांवों में ऐसे विद्यालय संचालित किए जा रहे है। संसद से कानून बनाकर मंदिर निर्माण के सवाल पर उन्होंने कहा जब सुप्रीम कोर्ट स्वयं ही इस मामले पर तेजी से सुनवाई कर रहा है, ऐसे में संशय पैदा करने के लिए इस तरह की मांग करना या कदम उठाना ठीक नहीं रहेगा।
एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि मुसलमानों को वोट बनाने की चेष्टा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यदि ऐसा किया गया, तो काउंटर वोट बैंक भी तैयार होगा। जो उससे बड़ा होगा। निश्चित ही यह हिन्दू वोट बैंक होगा, क्योंकि देश का हिन्दू अब जागृत हो गया है। ऐसे में अल्पसंख्यक को वोट बैंक बनाने की चेष्टा करना आत्मघाती होगा।
प्रवीण भाई तोगडि़या के अलग संगठन बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि द्वेष, जलन और व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा पर आधारित संगठन हमने पहले भी देखे है, हमारी नकल करने से वह हमारे जैसे नहीं बन सकते है। हम उन्हें कोई चुनौती नहीं मानते है।