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श्रीराम मंदिर के निर्माण पर दिग्विजय सिंह की मंशा पर विश्व हिंदू परिषद ने उठाया सवाल

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए एक चेक भेजा तो सही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास। इसका मतलब बड़ा स्पष्ट है कि उनका इरादा राम मंदिर के निर्माण में सहयोग करना नहीं था। वोओछी राजनीति के लिए प्रयोग करना चाहते हैं और कुछ नहीं।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 09:53 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 09:53 PM (IST)
श्रीराम मंदिर के निर्माण पर दिग्विजय सिंह की मंशा पर विश्व हिंदू परिषद ने उठाया सवाल
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए एक चेक भेजा

 भोपाल, राज्‍य ब्यूरो। कांग्रेस के नेताओं ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया है कि वो देश की जनता को भी धोखा देते हैं और भगवान राम के नाम पर भी छल-कपट और धोखाधड़ी करते हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए एक चेक भेजा तो सही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास। इसका मतलब बड़ा स्पष्ट है कि उनका इरादा राम मंदिर के निर्माण में सहयोग करना नहीं था। वो इस अवसर का अपनी ओछी राजनीति के लिए प्रयोग करना चाहते हैं और कुछ नहीं। कौन नहीं जानता कि राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही उस मंदिर का निर्माण कर रहा है। आप सुप्रीम कोर्ट की भी अवमानना कर रहे हैं। यह बात विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त मंत्री सुरेंद्र जैन ने दिग्विजय सिंह के पत्र पर पलटवार करते हुए कही।

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विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त मंत्री सुरेंद्र जैन ने किया पलटवार

उन्होंने कहा कि कौन नहीं जानता कि न्यास का खाता नंबर क्या है। खाते में चेक जमा कराने के प्रधानमंत्री के पास भेजते हैं और ऊपर से कहते हैं कि विश्व हिंदू परिषद हिसाब दे। कौन से समय का हिसाब मांग रहे हैं। उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि 1989 में शिलापूजन का कार्यक्रम हुआ था। तब से लेकर अब तक चार बार कांग्रेस और दो बार कांग्रेस समर्थित सरकार रही है। उन्होंने जांच कराई थी पर क्या पाया, यह उन्हें स्पष्ट करके जनता को बताना चाहिए। 

दिग्विजय का इरादा मंदिर निर्माण में सहयोग नहीं बल्कि ओछी राजनीति करना है

विश्व हिंदू परिषद के पैसों के हिसाब में यदि कोई गड़बड़ थी तो छह बार की सरकार में भी क्यों नहीं हमको कटघरे में खड़ा कर सके। हमारे खाता का पहले भी हर साल ऑडिट होता था और आयकर विवरण दाखिल किया जाता था। दो बार जरूर इन लोगों के कहने पर गहरी जांच हुई पर कुछ नहीं पाया गया। सब कुछ एकदम साफ था। घोटालेबाजी करना, जनता के पैसों से हेराफेरी करना और अपने घर भरना कांग्रेस के नेताओं के स्वभाव में ही रामभक्तों के नहीं।


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