अदालत से वीरभद्र व प्रतिभा को राहत
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में सीबीआइ को निर्देश दिया हैं कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से पूछताछ न्यायालय की अनुमति के बाद ही की जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं।
जागरण ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में सीबीआइ को निर्देश दिया हैं कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से पूछताछ न्यायालय की अनुमति के बाद ही की जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की न्यायालय की अनुमति के बिना गिरफ्तारी नहीं हो सकती है।
देश के संघीय ढांचे को बचाए रखने के लिए ऐसा करना अहम है। उच्च न्यायालय ने वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ 23 सितंबर को दिल्ली में सीबीआइ की ओर से दर्ज पुलिस प्राथमिकी पर आगे की जांच पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। न्यायाधीश राजीव शर्मा व न्यायाधीश सुरेश्र्वर ठाकुर की खंडपीठ ने आय से अधिक संपत्ति मामले को सुनवाई के लिए मंजूर किया है। शिमला। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय
अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी। सीबीआइ की ओर से जारी जांच यथावत चलती रहेगी। न्यायालय ने हिदायत दी है कि इस मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह से पूछताछ किसी महिला अधिकारी व वकील की मौजूदगी में की जाए। इसके लिए सीबीआइ को पहले नोटिस जारी करना होगा। मामले की पैरवी करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मशहूर वकील कपिल सिब्बल विशेष तौर पर दिल्ली से आए थे।
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क्या है मामला
सीबीआइ ने इस साल जून में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, बेटे विक्रमादित्य सिंह, बेटी अपराजिता सिंह व एलआइसी एजेंट आनंद चौहान के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर प्रारंभिक जांच शुरू की थी। वर्ष 2009 से 2011 के बीच वीरभद्र सिंह के केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए 6.1 करोड़ रुपये की आय पर सवाल उठने के बाद जांच शुरू हुई थी।