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देश का वीआईपी पेड़ हुआ बीमार, अब इंसानों की तरह होगा इलाज, महिंद्रा राजपक्षे ने लगाया था यह पेड़

विश्व धरोहर सांची से सात किलोमीटर दूर सलामतपुर के पास पहाड़ी पर मौजूद देश का एक वीआईपी पेड़ बीमार हो गया है। जानें इस पेड़ को किन मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 09:36 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 09:37 PM (IST)
देश का वीआईपी पेड़ हुआ बीमार, अब इंसानों की तरह होगा इलाज, महिंद्रा राजपक्षे ने लगाया था यह पेड़
देश का वीआईपी पेड़ हुआ बीमार, अब इंसानों की तरह होगा इलाज, महिंद्रा राजपक्षे ने लगाया था यह पेड़

अम्बुज माहेश्वरी, रायसेन। देश का एक वीआईपी पेड़ बीमार हो गया है। 24 घंटे पुलिस की सुरक्षा में रहने वाला यह खास बोधि वृक्ष मौसमी प्रभाव और कीटों की जद में आ गया है। पत्तियों में काले छेद हो रहे हैं और ये सूख रही हैं। यही नहीं इस वृक्ष के तने में कीड़ों ने डेरा जमा लिया है। इसका इलाज अब इंसानों की तरह इंजेक्शन और ड्रिप लगाकर किया जाएगा। यह वृक्ष विश्व धरोहर सांची से सात किलोमीटर दूर सलामतपुर के पास पहाड़ी पर लगा है।

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चारों तरफ जालियों से कैद पुलिस जवानों की सुरक्षा में रहने वाले इस 20 फीट ऊंचे पेड़ को आठ साल पहले 21 सितंबर 2012 को श्रीलंका के तत्‍कालीन राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे और भूटान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जिग्मी योजर थिंगले ने पौधे के रूप में लगाया था। अब यह विशाल वृक्ष बन गया है। इसकी सुरक्षा में एक से दो गार्ड रात दिन ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। बताया जाता है कि इसके बीमार होने की वजह मौसम और कीड़े हैं।

बताया जाता है कि इसे मकड़जाल रोग का कीट चट कर रहा है जिसकी वजह से पत्ते सूखकर गिर रहे हैं। कैटर पिलर नामक कीट इसे चट कर रहा है। बौद्घ धर्म के अनुयायियों के लिए यह श्रद्घा का केंद्र है। श्रीलंका से बोधिवृक्ष की एक टहनी लाकर यूनिवर्सिटी के लिए चयनित जगह पर रोपा गया था। उद्यानिकी विशेषषज्ञों की मानें तो यह कीट बोधि वृक्ष के लिए बेहद खतरनाक है, जिसका तत्काल उपचार आवश्यक है।

गौरतलब है की श्रीलंका सरकार के लिए भी इस पेड़ की बेहद अहम‍ियत है। शासन हर माह एक से डेढ़ लाख रुपये इसकी सुरक्षा पर खर्च कर रहा है। गर्मी में टैंकर से पेड़ की सिंचाई होती है। रायसेन की जिला उद्यानिकी अधिकारी रीता उइके ने कहा कि हम इस पेड़ का उपचार करवाएंगे। मैं स्वयं इसे देखने जा रही हूं। हम यहां पेस्टीसाइड के इंजेक्शन समेत अन्य दवाओं से उपचार करवाएंगे। इस काम में दूसरे विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी।  


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